'यास' का मामूली असर, कई जिलों में ठंडी हवाओं के साथ हो सकती है बूंदाबांदी - Web India Live

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'यास' का मामूली असर, कई जिलों में ठंडी हवाओं के साथ हो सकती है बूंदाबांदी

भोपाल। केरल में मानसून 31 मई तक आना तय हो चुका है। इधर, प्रदेश में भी मानसून (monsoon) के अनुकूल हवाएं शुरू हो गई हैं। इससे इसके समय पर या समय से पहले ही आने की संभावना बढ़ गई। है। हालांकि प्रदेश में यास का मामूली असर ही दिखा। इसके चलते कुछ शहरों में बूंदा-बांदी भी हुई है। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, प्रदेश में मानसून के समय हवाओं की जो दिशा रिकॉर्ड होती है, वह शुरू हो गई है। हवाओं की दिशा उत्तर-पश्चिमी से पश्चिमी होते हुए दक्षिण-पश्चिमी की ओर सेट होने का क्रम शुरू है।

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ऐसे लगाते हैं पता

मौसम विभाग आइटीसीजेड या इंटर ट्रॉपिकल कनवर्जन जोन के आधार पर मानसून की स्थिति तय करता है। सामान्य भाषा में ट्रफ लाइन 10 से 12 डिग्री तक पहुंच जाती है, तब मानसून आता है। मानसून चूंकि दक्षिण से आता है और उत्तर की ओर जाता है, इसलिए इसे मानसून उत्तरी सीमा कहा जाता है। यह सीमा प्रदेश में छूती है, तब मानसून आने की घोषणा की जाती है। इसके प्रदेश में आने की तारीख 20 जून तय है।

अरब सागर से आ रही नमी से बारिश

प्रदेश में तूफान यास के अतिरिक्त नमी की दूसरी लहर अरब सागर से आ रही है। मंदसौर, शाजापुर से लेकर सीहोर, खंडवा, खरगोन तक हवा के ऊपरी भाग में हल्की द्रोणिका है। इसके असर से गुरुवार को कई जगह बारिश हुई। इधर, हरदा के छिदगांव में पेड़ गिरने से उसके नीचे दबने से जमुना प्रजापति की मौत हो गई। दो लोग घायल हो गए। इससे खंडवा-होशंगाबाद हाइवे साढ़े तीन घंटे बाधित रहा।



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