कॉलेज में सीट मिलने के बाद विद्यार्थियों को ऑनलाइन करना होगा मेजर, माइनर व वैकल्पिक विषय के साथ इंटर्नशिप का चयन - Web India Live

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कॉलेज में सीट मिलने के बाद विद्यार्थियों को ऑनलाइन करना होगा मेजर, माइनर व वैकल्पिक विषय के साथ इंटर्नशिप का चयन

भोपाल। ईप्रवेश प्रक्रिया के तहत सत्र 2021-22 में स्नातक स्तर पर सीट आवंटन 20 अगस्त को होगा। इसके बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत स्नातक पाठ्यक्रम में विषयों का चयन किया जाना है। जिसमें आवंटित विषय समूह सशर्त यानी जहां लागू हो में से मेजर और माइनर, एक वैकल्पिक विषय एवं एक प्रोजेक्ट/इंटर्नशिप का चयन किया जाना है। इसके ठीक एक दिन पहले नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की प्राचार्यों व प्राध्यापकों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें नई शिक्षा नीति के अनुसार किए जा रहे बदलावों की जानकारी दी गई। इसके अनुसार चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम 160 क्रेडिट का होगा। हर वर्ष के लिए 40 क्रेडिट तय किए गए हैं। यदि कोई विद्यार्थी किसी कारण से पहले वर्ष में तय क्रेडिट प्राप्त नहीं करता है तो उसे आगे जाने से नहीं रोका जाएगा। लेकिन उसके पास कुल क्रेडिट में से 50 प्रतिशत से अधिक का क्रेडिट बैकलॉग न हो। ऐसा होने पर उसे अगले वर्ष में यह बैकलॉग खत्म करने पर ही प्रमोशन दिया जाएगा।

इस तरह होगी अकादमिक संरचना -

मुख्य विषय - 54 क्रेडिट
गौण विषय - 28 क्रेडिट

वैकल्पिक विषय - 18 क्रेडिट
कौशल संवर्धन पाठ्यक्रम - 12 क्रेडिट

आधार पाठ्यक्रम - 24 क्रेडिट
फील्ड प्रोजेक्ट/इंटर्नशिप आदि-24 क्रेडिट

कुल क्रेडिट - 160
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इस तरह प्राप्त करने होंगे क्रेडिट --
- स्नातक पहले, दूसरे और तीसरे वर्ष के विद्यार्थियों को फील्ड प्रोजेक्ट/ इंटर्नशिप,कम्यूनिटी इंगेजमेंट एंड सर्विस में से किसी एक का चयन कर 4 क्रेडिट प्राप्त करना होगा।

- मुख्य विषय के अतिरिक्त गौण विषय (मेजर सब्जेक्ट)/ वैकल्पिक विषय (ओपन इलेक्टिव कोर्स) में स्नातकोत्तर करने के लिए विद्यार्थियों को तीन वर्ष में आधार पाठ्यक्रम के स्थान पर सब्जेक्ट रिलेटेड प्रोजेक्ट का चयन कर 8 क्रेडिट प्राप्त करने होंगे।
- स्नातक चतुर्थ वर्ष में विद्यार्थियों को विषय आधारित इंटर्नशिप या एप्रेंटिसशिप में से किसी एक का चयन कर 12 क्रेडिट प्राप्त करने होंगे।

क्रेडिट सिस्टम एवं प्रश्न पत्र की संख्या -

- स्नातक स्तर पर पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में मुख्य विषय (मेजर) विषय के 54 क्रेडिट होंगे।
- पहले और दूसरे वर्ष में मुख्य विषय में 6-6 क्रेडिट के दो विषय/प्रश्नपत्र होंगे।

- तीसरे वर्ष में मुख्य विषय के 6-6 क्रेडिट के दो विषय विशिष्ट वैकल्पिक और चौथे वर्ष में तीन विषय विशिष्ट वैकल्पिक के प्रश्नपत्र होंगे।

मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम --
- पहले वर्ष में 40 क्रेडिट पर सर्टीफिकेट

- दूसरे वर्ष में 40 क्रेडिट पर डिप्लोमा
- तीसरे वर्ष में 40 क्रेडिट पर डिग्री

- चौथे वर्ष में 40 क्रेडिट पर बैचलर विथ रिसर्च
- कुल क्रेडिट - 160 होंगे

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वैकल्पिक विषय (इलेक्टिव सब्जेक्ट) की उपलब्धता --

- अंतर संकायी विषय (इंटर डिसिप्लिनरी सबजेक्ट)के चयन के लिए हर महाविद्यालय में विकल्प की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
- एकल संकाय महाविद्यालय में अन्य संकाय के विषयों की अध्यापन की व्यवस्था जिला मु यालय में स्थित अन्य महाविद्यालयों में पदस्थ शिक्षकों की सहायता से की जा सकेगी।

- कला और वाणिज्य के एकल संकाय महाविद्यालयों में अन्य किसी संकाय भी के तहत विज्ञान संकाय से विषय चुनने का विकल्प उपलब्ध नहीं होगा।

व्यावसायिक पाठ्यक्रम --
- उच्च श्क्षिा को रोजगारन्मुखी बनाने के लिए व्यावसायिक व कौशल संवर्धन के पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का अभिन्न अंक हैं।

- विश्वविद्यालय, महाविद्यालय में संचालन के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रतिवर्ष 4-4 क्रेडिट के होंगे। इनमें 60 घंटे की इंटर्नशिप करनी होगी।
- विद्यार्थी स्वयं, एनपीटीईएल, पीएम कौशल योजना ओपन यूनिवर्सिटी के माध्यम से ऑनलाइन पाठ्यक्रम स्वयं के संसाधन के आधार पर कर सकेंगे।

आधार पाठ्यक्रम --

आधार पाठ्यक्रम का अध्यापन स्नातक स्तर पर तीन वर्ष में होगा। आधार पाठ्यक्रम के दो प्रश्नपत्र 4-4 क्रेडिट के होंगे। इस तरह विद्यार्थी दोनों प्रश्नपत्रों को मिलाकर कुल 4 योग्यता संवर्धन विषयों का अध्ययन हर साल करेंगे। इन दो प्रश्नपत्रों के समूह में विद्यार्थी एक प्रश्नपत्र में हिंदी एवं अंग्रेजी विषय के अतिरिक्त दूसरे प्रश्नपत्र में प्रत्येक वर्ष दो अलग-अलग विषय का अध्ययन करेंगे। इस तरह तीन वर्ष तक अध्ययन करना होगा। इन दोंनो प्रश्नपत्रों को मिलाकर कुल चार योग्यता संवर्धन विषयों का अध्ययन हर वर्ष करना होगा। हर वर्ष 100-100 अंक के प्रश्नपत्र वस्तुनिष्ठ पद्धति पर आधारित होंगे।

मूल्यांकन पद्धति --
कुल 100 अंक के आधार पर विद्यार्थी का मूल्यांकन किया जाएगा। आंतरिक मूल्यांकन के कुल 25 अंक हैं। इन्हें दो त्रैमासिक परीक्षा के रूप में 13 और 12 अंक में बांटा गया है। मुख्य लिखित परीक्षा के कुल 75 अंक हर विषय की परीक्षा के हैं। लिखित परीक्षा की अवधि दो घंटे की होगी। इसमें इसमें 3-3 अंक के दो अति लघुउत्तरीय प्रश्न 9-9 अंक के 4 लघु उत्तीय प्रश्न और 15-15 प्रश्न के 2 दीर्घ उत्तीय प्रश्न पूछे जाएंगे।



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