बैतूल कलेक्टर सहित 4 IAS, 1 IPS अधिकारी के खिलाफ आयोग में शिकायतें - Web India Live

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बैतूल कलेक्टर सहित 4 IAS, 1 IPS अधिकारी के खिलाफ आयोग में शिकायतें


भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले बैतूल कलेक्टर तरुण पिथोड़े सहित 4 आइएएस और एक आइपीएस सहित करीब चार सौ अधिकारियों की शिकायतें आयोग में रजिस्टर्ड की गई हैं।
इन अधिकारियों की ज्यादातर शिकायतें लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के पक्ष में काम करने, तीन साल से अधिक समय से एक ही स्थान पर जमे होने की हैं। इनमें से कुछ अधिकारियों के खिलाफ यह भी आरोप लगाया गया है कि इन्होंने विधासभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में काम किया था, लेकिन शिकायत होने पर उनके खिलाफ अभी तक कार्रवाई नहीं की गई।
चुनाव आयोग में शिकायत की गई है कि बैतूल कलेक्टर तरुण पिथोड़े का स्ट्रांसफर हो गया था, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने उसे रोकवाया है। उसका स्थानांतरण लोकसभा चुनाव से पहले किया जाए, जिससे ये किसी पार्टी विशेष के लिए काम न कर सकें। वहीं शैलेन्द्र श्रीवास्त को भी परिवहन आयुक्त के पद से हटाने के संबंध में भी शिकायत की गई है।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि ये पिछले कई वर्षों से एक ही पद पर जमे हुए हैं और जिस पार्टी की सरकार होती है उसी के लिए वे काम करते हैं। इसका परिवहन विभाग से स्थानांतरण किया जाए। जेपी धनोपिया ने आइएएस अधिकारी और तत्कालीन कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव के खिलाफ की शिकायत में कहा है कि उन्होंने विधानसभा चुनाव में एक पार्टी विशेष के लिए काम किया।
आइएएस अधिकारी स्वाती मीणा की भी शिकायत आयोग में की गई है। रीवा के संयुक्त आयुक्त राकेश शुक्ला और रीवा नगर निगम प्रभारी आयुक्त आरपी सिंह की तीन साल से एक ही स्थान पर पदस्थ होने की शिकायत की गई है। वहीं अपेक्स बैंक के एमडी प्रदीप नीखरा की शिकायत की गई है, शिकायतें यह कहा गया है ये कांग्रेस के पक्ष में काम कर रहे हैं।
रामपाल के पास अभी भी है स्टॉफ-
भाजपा नेता और पूर्व मंत्री रामपाल सिंह के खिलाफ भी चुनाव आयोग में शिकायत की गई है। शिकायत में कहा गया है कि रामपाल के पास अभी भी पुराना स्टाफ है, और कर्मचारी भाजपा के पक्ष में काम कर रहे हैं।
बताया जाता है कि लोगों ने करीब 60 शिकायतें सीधे भारत निर्वाचन आयोग में की है, जबकि साढ़े तीन सौ से अधिक शिकायतें मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में की गई हैं। इनमें से 109 शिकायतें राजनीतिक दलों द्वारा अधिकारियों की गईं हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने इन शिकायतों की जांच करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा है।


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