जांच के नाम पर केवल औपचारिकता, कपड़े के थैलों के जरिए रोक का दावा
भोपाल. प्रदेश में पॉलिथीन के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध के बाद नगरीय निकाय स्तर पर इसके लिए जांच दल बने। पॉलीथिन बेचने वालों पर जुर्माने से इसकी जब्ती तक की कार्रवाई ये टीम करती है। राजधानी में भी ये टीम बनाई गई थी महिलाओं की जांच के लिए इसमें कोई महिलाकर्मी को शामिल नहीं किया गया।
पॉलीथिन की धरपकड़ को लेकर नगर निगम ने पहले पांच एएचओ की टीम बनाई थी, जिसमें दो एचओ भी बनाए गए थे। उसमें एक भी महिला कर्मचारी नहीं है। स्पॉट फाइन व धरपकड़ का प्रभार एएचओ अजय श्रवण को दे रखा है। अगर कोई महिला पॉलीथिन बेच रही है तो उसकी जांच करने वाला टीम में कोई नहीं।
केवल औपचारिकता की जा रही पूरी
पॉलीथिन पर रोक के लिए नगर निगम और प्रशासन के जरिए केवल औपचारिकता पूरी की जा रही है। पॉलीथिन के इस्तेमाल पर पाबंदी नहीं लग पाने का खामियाजा नगर में विचरण करने वाले निरीह पशुओं के साथ पर्यावरण के नुकसान के रुप में लोगों को भुगतना पड़ रहा है। इस मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मूकदर्शक बना है। जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण खाद्य दुकान, कपड़ा दुकान, बेकरी स्टोर्स, मेडिकल स्टोर्स पर उपभोक्ताओं को बेधड़क पॉलिथीन बैग दिए जा रहे हैं।
[MORE_ADVERTISE1]विकल्प के तौर पर कपड़े के थैले बांटे जाने का दावा
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि लोगों में पॉलीथिन का उपयोग कम करने जागरुकता लाई जा रही है। इसके अलावा इसका उपयोग रोकने कार्रवाई हो रही है। नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर राजेश राठौड़ के मुताबिक इसके विकल्प के तौर पर नगर निगम कपड़े के थैले बनवा कर बंटवा रहा है। लोगों में जागरुकता के लिए भी प्रयास हो रहे हैं। महिलाओं के जरिए अगर पॉलीथिन बेची जा रही है तो वहां कार्रवाई कराई जाएगी।
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