30 तक रहेगी धारा-144, धरना प्रदर्शन, रैली की जारी अनुमतियां निरस्त
भोपाल। अयोध्या पर आए फैसले को लेकर शुक्रवार रात 12 बजे से ही राजधानी की सुरक्षा कड़ी कर दी गई। 27 सेक्टर मजिस्ट्रेट अलग-अलग क्षेत्रों में तैनात हैं। 26 प्वाइंटों पर इनर और आउटर सर्किल में पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के साथ आरएएफ का बल सक्रिय है। कलेक्टर तरुण पिथोड़े, डीआईजी इरशाद वली, निगमायुक्त विजय दत्ता रात से ही एक साथ भ्रमण पर रहे। एडीएम-एसपी के साथ सेक्टर में बंटी सुरक्षा की निगरानी करते रहे।
हर विभाग को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई। आंगनवाड़ी, राशन दुकान, पेट्रोल पंप पर खाद्य विभाग और महिला बाल विकास के अधिकारियों को तैनात किया गया है। आगामी तीन दिन से शहर में यही सुरक्षा व्यवस्था लागू रहेगी। पूरा जिला प्रशासन कंट्रोल रूम से ही चल रहा है। तहसीलदार, नायब तहसीलदार तक को दो-दो थानों की कमान दी गई। रात में सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता की है।
पूर्व के एडीएम, एसडीएम को बुलाकर कंट्रोल रूम में बैठाया
फैसले के मद्देनजर भोपाल शहर में पहले अपर कलेक्टर रह चुके रत्नाकर झा सहित अन्य अनुभवी अधिकारियों की ड्यूटी पुलिस कंट्रोल रूम में लगाई गई थी। सभी अधिकारी कंट्रोल रूम में अपने अनुभव साझा कर रहे थे। इसी प्रकार हुजूर और टीटी नगर में पदस्थ रह चुके तहसीलदरों की ड्यूटी भी लगाई गई।
30 तक रहेगी धारा-144, धरना प्रदर्शन, रैली की जारी अनुमतियां निरस्त
जिले में आगामी 30 नवंबर तक धारा-144 लागू रहेगी। कलेक्टर तरूण पिथोड़े के निर्देशानुसार भोपाल जिले में एडीएम और एसडीएम की तरफ से जारी की गईं धरना, प्रदर्शन, रैली, जलसा, जुलूस, चल समारोह आदि कार्यक्रमों की अनुमतियां तत्काल प्रभाव से निरस्त की गईं हैं। यह आदेश पारिवारिक सदस्यों, विवाह समारोह, बारात तथा शवयात्रा और शासकीय कार्यालयों, चिकित्सालय, शिक्षण संस्थाओं होटल, दुकान, उद्योग और सार्वजनिक सेवाओं पर प्रभावशील नहीं रहेगा। इसी प्रकार 30 नवंबर तक जिले में खुला और पैक एसिड भी कोई दुकानदार नहीं बेच सकेगा।
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