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सोलर पंप से 4900 यूनिट बिजली हर साल बेंच सकेंगे किसान

भोपाल। अब किसान सोलर पंप से अपने खेतों में सिंचाई करने के साथ हर साल लगभग ४९०० यूनिट बिजली बेच कर अतिरिक्त कमाई कर सकेंगे।

दरअसल, बिजली कंपनियों का मानना है कि किसान एक साल में सिर्फ ४ माह सोलर पंप से सिंचाई करता है। एेसे में शेष ८ माह में सोलर से उत्पादित होने वाली बिजली को वह बिजली कंपनियों को बेच सकेगा। बिजली किस दर पर बेची जा सकेगी इसका निर्धारण विद्युत नियामक करेगा।

किसानों से बिजली खरीदने और उन्हें सुविधा देने के लिए बिजली वितरण कंपनी को केन्द्र सरकार परियोजना लागत का दो फीसदी कमीशन देगी। केन्द्र सरकार ने हाल ही में किसान ऊर्जा सुरक्षा व उत्थान महाभियान (कुसुम -3)लांच की है। इसमें किसानों को सोलर पंप लगाने पर ३० फीसदी अनुदान भी मिलेगा।

इस योजना से अघोषित बिजली कटौती वाले ग्रामीण क्षेत्रों में बिना बाधा के सिंचाई हो सकेगी। पहले चरण में किसानों के सिर्फ उन सिंचाई पंपों को शामिल किया जाएगा, जो अभी डीजल से चल रहे हैं। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में बिजली नहीं पहुंची है या खेत में बिजली की लाइन दूर से लाई गई है।

पांच हार्ष पावर का सोलर पेनल लगाने में किसानों को करीब दो लाख रुपए का खर्च आएगा, जिसमें 30 फीसदी राशि केन्द्र सरकार देगी। कुसुम-2 की तर्ज पर राज्य सरकार किसानों केन्द्र के अलावा 50 फीदसी अनुदान देती है तो किसानों को पांच हार्ष पावर पेनल के लिए सवा लाख रुपए चुकाना पड़ेगा। क्योंकि दोनों सरकारों की सब्सिडी मिलाकर 80 फीसदी अनुदान किसानों को दिया जाता है।

ये है बिजली बेचने की गणित

बिजली वितरण कंपनियों का मानना है कि किसान 365 दिन में सिर्फ 120 दिन ही सोलर पंप का उपयोग करता है। जबकि 245 दिन में सोलर पेनल से तैयार हुई बिजली बेकर हो जाती है।

पांच हार्ष पावर सोलर से हर दिन 20 यूनिट बिजली बनती है। इससे 245 दिन की 4900 यूनिट बिजली किसान ग्रिड के माध्यम से सरकार को बेंच सकेंगे। आयोग अगर तीन से चार रुपए पर यूनिट की दरें निर्धारित करता है तो किसानों को हर साल 18 हजार रुपए से अधिक की अतिरिक्त आमदनी होगी।

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बिजली कंपनी तैयार करेगी टैरिफ का प्रस्ताव

राज्य सरकार कुसुम-3 योजना योजना लांच करने की तैयारी कर रही है। योजना लांच करने से पहले सरकार विद्युत नियमक आयोग में टैरिफ निर्धारण के लिए प्रस्ताव भेजेगी।

टैरिफ निर्धारण के बाद ही योजना लांच की जाएगी। अभी तक राज्य सरकार इस तैयारी में थी कि जिन दरों पर बिजली विद्युत वितरण कंपनी लोगों को बेंच रही हैं उसी दर पर किसानों से खरीदी जाएगी। लेकिन भारत सरकार ने हाल ही निर्देश जारी साफ कर दिया है कि टैरिफ का निर्धारण आयोग करेगा। किसानों से उनके उपयोग से अतिरिक्त बिजली वे बेंच सकेंगे।

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