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प्रदेश में किसानों को बेचे गए 950 से ज्यादा नकली खाद-बीज और पेस्टीसाइड के प्रोडक्ट

भोपाल : प्रदेश में नकली खाद,बीज और पेस्टीसाइड का बड़ा रैकेट चल रहा है। पिछले एक साल के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो साढ़े नौ से ज्यादा उत्पाद ऐसे निकले हैं जो अमानक स्तर के माने गए हैं। कंपनियां प्रदेश में धड़ल्ले से नकली खाद-बीज बेचकर किसानों का हक मारती रही हैं। ये वो कंपनियां हैं जो पिछले एक दशक से इस प्रदेश में नकली खाद-बीज और पेस्टीसाइड की सप्लाई करती रही हैं। प्रदेश सरकार ने नए सिरे से नकली खाद,बीज और पेस्टीसाइड के नमूनों की जांच करवाई जिसमें ये चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। हाल ही में सरकार के पास ये जांच रिपोर्ट आई है।

प्रदेश में नकली खाद-बीज बनाने वाली कंपनियों का दस हजार करोड़ से ज्यादा का सालाना कारोबार है। प्रदेश सरकार ने किसानों के आंखों में धूल झोंकने वाली इन कंपनियों के खिलाफ मुहिम छेड़ी है। अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा अमानक पदार्थ बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। अधिकारियों की मिली भगत से सालों से चल रहे इस गोरखधंधे ने किसानों को घाटे और कर्ज की खाई में धकेल दिया है।

एक साल का ये है रिकॉर्ड :

प्रदेश के अलग-अलग जिलों से खाद-बीज और पेस्टीसाइड के 10681 नमूने लिए गए। इनको जांच के लिए भोपाल,इंदौर,उज्जैन और जबलपुर की लैब में भेजा गया। इन नमूनों में 9621 नमूने मानक स्तर के पाए गए, जबकि 952 नमूने अमानक स्तर के थे। सरकार ने अभी तक 109 कंपनियों का पंजीयन निलंबित कर दिया है जबकि 52 के खिलाफ एफआईआर की गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार बाकी कंपनियों पर भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। सरकार ने सभी जिलों से भी नकली खाद-बीज बेचने वाली कंपनियों पर की गई कार्रवाई की पूरी जानकारी मांगी है। इसके अलावा सरकार पूरे 15 साल की जानकारी भी खंगाल रही है। इन 15 सालों में किन कंपनियों को संरक्षण दिया गया और नकली खाद-बीज बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

इन प्रमुख कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई :

- बालाजी एग्रो ऑर्गेनिक्स एंड फर्टीलाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड - ब्लैक लिस्ट
- मोनी मिनरल्स एंड ग्राइंडर्स प्राइवेट लिमिटेड - ब्लैक लिस्ट
- रॉयल एग्रीटैक प्राइवेट लिमीटेड - ब्लैक लिस्ट
- त्रयंबकेश्वर एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड - ब्लैक लिस्ट
- एग्रोफॉस इंडिया लिमिटेड - ब्लैक लिस्ट
- धनलक्ष्मी बायोकेम प्राइवेट लिमीटेड, अहमदाबाद के प्रतिनिधि प्रबंध संचालक मुकेश जटानिया पर धोखाधड़ी का प्रकरण।
- आरएम फास्फेट एंड कैमिकल लिमीटेड के मार्केटिंग मैनेजर मुकुंद धजेकर निवासी महाराष्ट्र पर धोखाधड़ी और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3,7 के तहत प्रकरण
- एडवांस क्रॉप केयर प्राइवेट लिमिटेड,देवास के एमडी आशीष तिवारी के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई।
- किसान बीज भंडार, रतलाम का लाइसेंस निरस्त किया गया।

किसानों की लागत बढऩे का कारण नकली खाद-बीज:

कृषि विशेषज्ञ और किसान नेता केदार सिरोही कहते हैं कि प्रदेश में खाद,बीज,पेस्टीसाइड और कृषि पदार्थों का कारोबार करीब 25 हजार करोड़ का है। इनमें से करीब दस हजार करोड़ का सालाना कारोबार तो नकली खाद-बीज का है। ये बात नौकरशाही भी अच्छी तरह से जानती है। उद्योगपति और अधिकारियेां के गठजोड़ से ये कारोबार सालों से खुलेआम चल रहा है। इसका खामियाजा किसान उठा रहा है। नकली बीज के कारण उसका उत्पादन घट जाता है और लागत बढ़ जाती है। केदार सिरोही कहते हैं कि प्रदेश में किसानों के उपर कर्ज का बढऩा और कर्ज के बोझ तले जीवन समाप्त करने के पीछे भी नकली खाद-बीज का रैकेट ही जिम्मेदार है। किसान आत्महत्या के पीछे सबसे बड़ा कारण यही है।

वर्जन :

- पिछली सरकार के कार्यकाल में अमानक खाद-बीज की सप्लाई से किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा था। कृषि विभाग ने जांच में पाया है कि 950 से ज्यादा नमूने अमानक निकले हैं। हमने पूरी जांच रिपोर्ट बुलवाई है। किसानों को अमानक स्तर के खाद-बीज बेचने वालों के खिलाफ कृषि विभाग लगातार कार्यवाही कर रहा है। जो भी ऐसे मामलों में दोषी पाया जाएगा उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
- सचिन यादव कृषि मंत्री -

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