आधार कार्ड से जुड़ेगा ड्राइविंग लाइसेंस, चिप में रहेगी बायोमेट्रिक जानकारी
भोपाल. यातायात नियमों को तोडऩे और दुर्घटना करने पर तीन बार जुर्माना होने की सूरत में निरस्त होने वाले ड्राइाविंग लाइसेंस को अब आरोपी दोबारा नहीं बनवा सकेंगे। केंद्र सरकार के निर्देश पर देश भर के ड्राइाविंग लाइसेंस को आधार कार्ड से जोडऩे और डिजिटल चिप से लैस करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत भोपाल के पुराने ड्राइाविंग लाइसेंस को बदला जाएगा। एटीएम कार्ड की तर्ज पर इन कार्ड में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाई जाएगी जिसमें कार्ड होल्डर की बायोमेट्रिक और निजी जानकारियां गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर सहित दर्ज होंगी। इस कार्ड को एनआईसी सर्वर से कनेक्टिविटी दी जाएगी ताकि देश के किसी भी कोने में इसे स्कैन कर परखा जा सके। इसका फायदा तीन बार जुर्माना कटने के बाद और दुर्घटना करने पर निलंबित होने वाले लाइसेंस निरस्तीकरण में होगा।
[MORE_ADVERTISE1]डीएल का डाटा अभी बायोमेट्रिक सिस्टम से जुड़ा नहीं है इसलिए वाहन चालक आसानी से दूसरा लायसेंस जारी करवाने में सफल हो जाते हैं। नया सिस्टम लागू होने के बाद यदि कोई व्यक्ति पुराना कार्ड निरस्त होने पर दोबारा डीएल बनवाने आता है तो पकड़ा जाएगा। पुराने कार्ड होल्डर की आंख की पुतली और फिंगर प्रिंट मशीन से ट्रेस होने से ऐसा संभव हो सकेगा। प्रदेश के परिवहन कार्यालयों में ये व्यवस्था प्रदेश सरकार के निर्देश पर जारी होना है।
[MORE_ADVERTISE2]नए आवेदन के साथ दर्ज होंगी जानकारियां
आरटीओ में ड्रायविंग लाइसेंस को नए फार्मेट से जारी करने के आवेदक को सादे कागज पर आवेदन जमा कराना होगा। प्रदेश सरकार की तरफ से इस प्रक्रिया के लिए जरूरी शुल्क का निर्धारण किया जाएगा। नया कार्ड बनने पर पुराना डीएल आरटीओ में जमा कराना होगा। स्मार्ट चिप कंपनी प्रदेश के सभी ड्रायविंग लायसेंसों का डिजीटाइजेशन किया जा रहा है। इस डाटा के आधार पर ही नए प्रारूप के कार्ड जारी होंगे।
[MORE_ADVERTISE3]डिजिटल कार्ड को यूनिक आईडी से जोडऩे का प्रकरण शासन स्तर पर विचाराधीन है। मौजूदा कार्डों की जानकारियां डिजिटल फार्मेट में एनआईसी में फीड करने का काम जारी है।
संजय तिवारी, आरटीओ
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