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प्रदेश के 5.46 करोड़ गरीबों के आधार सहित अन्य ऑन लाइन डाटा का होगा सुरक्षा ऑडिट

भोपाल। प्रदेश में गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए सरकार ने इनका ऑन लाइन डाटा पोर्टल पर अपलोड कर रखा है। यह कितना सुरक्षित है, इसका पता लगाने के लिए खाद्य विभाग के खाद्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली एप और राशन मित्र पोर्टल का सुरक्षा ऑडिट करवा रही है।

दरअसल सरकार इंटर स्टेट राशन कार्ड पोर्टिबिलिटी सुविधा देने के लिए प्रदेश के 5.46 करोड़ लोगों के आधार, बैंक एकाउंट, समग्र आईडी नम्बर इस एप और पोर्टल पर अपलोड किया है। इससे उपभोक्ताओं को अपने जिले के अलावा दूसरे जिलों के राशन की दुकानों अनाज ले सकेंगे। इसके अलावा उन्हें प्रदेश के बाहर के राशन राशन दुकान से उनके हिस्से का अनाज मिल सकेगा।

उपभोक्ताओं का डाटा कहीं लीक न हो जाए, इसके लिए खाद्य विभाग पूरे सर्वर की सुरक्षा ऑडिट करवा रहा है। यह काम आईटी कंपनियों के माध्यम से कराया जाएगा। हैकिंग और आईटी के अनुभवी इंजीनियर इस में बात की जांच करंेगे कि राशन पोर्टल और मोबाइल एप पर जो उपभोक्ताओं के आधार नम्बर, यूनिक आईटी और बैंक एकाउंट तथा उनके राशन कार्ड सहित अन्य जानकारी अपलोड की गई हैं वो कितना सुरक्षित है।

उसे कोई चोरी छिपे निकाल तो नहीं सकता है। इसके अलावा यह भी जांच करेगी कि सरकार से उपभोक्ताओं को जो भी एसएमएस अथवा जानकारियां उपभोक्ताओं को मोबाइल पर भेजी जाती हैं उसे कोई हैक तो नहीं कर सकता है। सुरक्षा आडिट की रिपोर्ट में अगर कही कमी बताई जाती है तो उन खामियों को दूर किया जाएगा।

केन्द्र ने कहा डाटा ऑन लाइन करने से पहले कराए ऑडिट

खाद्य विभाग अपना पूरा डाटा ऑन लाइन करने जा रहा है। इसे भारत सरकार के खाद्य नेशलन पोर्टिबिलिटी पोर्टल से लिंक किया जाएगा। इससे गरीब परिवारों उनके हिस्से का राशन किसी राज्य के दिया जा सकेगा। इसके लिए खाद्य विभाग ने एक नया साफ्टवेयर तैयार किया है, जिसमें सभी हितग्राहियों का डाटा अपलोड किया है।

इधर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निर्देश हैं कि जब भी कोई विभाग कोई भी डाटा ऑन लाइन सार्वजनिक किया जाएगा, उससे पहले उसे सुरक्षा आडिट कराना होगा। इसके चलते विभाग ऑडिट कराने की तैयारी कर रहा है। इसमें यह भी है कि अगर किसी का डाटा लीक होने की गुंजाइश होती है तो संबंधित विभाग की इसकी जिम्मेदारी होगी। सुरक्षा ऑडिट इसी माह तक पूरी कर ली जाएगी।

इंटर स्टेट पोर्टिबिलिटी प्रदेश पीछे

देश के सभी राज्यों को राशन कार्डों उपभोक्ताओं के इंटर स्टेट पोर्टिबिलिटी करना है। केन्द्र ने सभी सभी राज्यों को मार्च तक यह काम करने के लिए कहा गया है। आंध्रप्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, कर्नाटक ने इंटर स्टेट पोर्टिबिलिटी व्यवस्था शुरू दी है। मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों इस काम को तेजी से किया जा रहा है। इससे खाद्य सुरक्षा अधिनियम में पंजीकृत उपभोक्ता राज्य और राज्य के बाहर किसी भी उचित मूल्य की दुकान से अनाज ले सकेंगे।



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