तो इसलिये शादी में दूल्हा-दूल्हन को लगाई जाती है हल्दी, जानें इसका सही कारण
हल्दी एक ऐसी चीज है जो व्यक्ति के खाने का स्वाद भी बढ़ाती है, एक एंटीबायोटिक का कार्य भी करती है और पूजा-पाठ में भी की जाती है। इसके अलावा हल्दी का उपयोग भारतीय परंपरा के अनुसार विवाह या फिर सभी मांगलिक कार्यों में भी की जाती है।खासकर शादी की रस्मों में लड़के और लड़कियों को हल्दी लगाई जाती है, जिसे हल्दी रस्म कहते हैं। इस रस्म से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। तो आइए जानते हैं क्या है हल्दी से जुड़ी धार्मिक और वैज्ञानिक कारण...
हल्दी लगाने के धार्मिक कारण
धार्मिक कारणों से देखा जाये तो शादी में हल्दी लगाना एक शगुन माना जाता है जो की बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। दरअसल, दूल्हा और दूल्हन को हल्दी इसलिये लगाई जाती है क्योंकि हल्दी लगाने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है और हल्दी का प्रयोग सभी नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिये लगाया जाता है। हल्दी बुरी नजर से रक्षा करती है। इसलिये यह परंपरा निभाई जाती है।
हल्दी लगाने के वैज्ञानिक कारण
- वैज्ञनिक कारणों की मानें तो हल्दी में काफी औषधीय गुण होते हैं जो कि चोट और जलन के निशान पर लगाई जाये तो चोट जल्दी ठीक हो जाती है। क्योंकि हल्दी में एंटी-बायोटिक गुण होते हैं।
- त्वचा के लिये भी हल्दी गुणकारी होती है। हल्दी का उपयोग त्वचा को साफ, सुंदर और चमकदार बनाने के लिये किया जाता है।
- शादी में कई तरह के काम होते हैं, जिन वजह से सिर दर्द या डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं और हल्दी के प्रयोग से सिर दर्द और डिप्रेशन कम होता है। यह भी एक वैज्ञानिक कारण है शादी में हल्दी का उपयोग करने का।
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