लोडिंग ऑटो में छुपाकर ले जा रहा था परिवार, पुलिस ने पकड़ा तो ड्राइवर ने बताई दुख भरी कहानी - Web India Live

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लोडिंग ऑटो में छुपाकर ले जा रहा था परिवार, पुलिस ने पकड़ा तो ड्राइवर ने बताई दुख भरी कहानी

भोपाल। लाॅकडाउन ने कामधंधा छीन लिया है। जिन शहरों को अपने खून-पसीना-मेहनत से संवारे सजाए, वह शहर अब उनके लिए बेगाना हो चुका है। भूख-प्यास से परेशान लोग अब अपने अपनों का जीवन बचाने के लिए गांव की ओर रुख कर दिए हैं। अपना गांव-देश ही अब आसरा बचा है। लेकिन गांव पहुंचने की राह में भी मुश्किलें भी कम नहीं। मध्य प्रदेश के गुना जिले के सर्राफा बाजार में भी ऐसा मामला सामने आया। पुलिस प्रशासन की नजर में यह लाॅकडाउन तोड़ने का मामला हो सकता है तो इन कामगारों को पेट की भूख से जीवन बचाने की जद्दोजहद। हालांकि, पुलिस का मानवीय चेहरा भी इस घटना में सामने आया।


पुलिस वाले अवाक रह गए
दरअसल, गुना के सर्राफा बाजार में एक लोडर वाहन राह भटककर पहुंच गया। पुलिस ने जब लोडर को रोककर पूछताछ की तो चालक ने बताया कि मुंबई से वह चला है और यूपी जा रहा है। वाहन रविंद्र सिंह नाम का व्यक्ति चला रहा था। पुलिस को शक हुआ। लोडर के पीछे का हिस्सा को खोलने को कहा। डरा चालक गिड़गिड़ाने लगा, लेकिन पुलिस के सामने उसकी एक न चली। जब ड्राइवर ने ताला खोला तो पुलिस वाले अवाक रह गए।

परिवार को जाने दिया
गाड़ी में दुबके हुए एक महिला व तीन बच्चे बैठे हुए थे। पता चला कि रविंद्र अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर पहुंचाने यूपी के सुल्तानपुर जिले के अपने गांव जा रहा है। पुलिस ने जब रविंद्र की कहानी सुनी तो लाॅकडाउन तोड़ने की कार्रवाई की बजाय, मानवीय पक्ष दिखाते हुए परिवार को जाने दिया।


वायरलेस पर प्रसारित कराई
वायरलेस पर किसी को न रोकने की सूचना भी प्रसारित कराई मजबूर लोगों के छुपकर जाने इस घटना के बाद पुलिस ने रातभर जिले में यह भी सूचना वायरलेस पर प्रसारित कराई कि किसी भी मजदूर या गांव जा रहे लोगों को बेवजह रोका न जाए। उनको बिना किसी परेशानी के जिले की सीमा तक छोड़वाएं। उल्लेखनीय है कि हर दिन गुना जिले की सीमा से लोग निकल रहे हैं। रात में एबी रोड से महाराष्ट्र के नंबरों वाले सबसे ज्यादा वाहन गुजर रहे हैं।

मुंबई में तेजी से फैल रहा है वायरस
मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र काफी संख्या में यूपी-बिहार सहित कई राज्यों के कामगार फंसे हुए हैं। कामधंधा बंद होने की वजह से वहां रहना मुहाल हो चुका है। पास पैसे नहीं हैं, हजारों भूखमरी की कगार पर हैं। अब गांव लौटने के अलावा ऐसे लोगों के पास कोई चारा नहीं है। उधर, लाॅकडाउन की वजह से पुलिस की सख्ती उनकी परेशानी को और बढ़ा रहा है। ऐसे में छुप छुपाकर किसी तरह मजदूर निकल रहे हैं।



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