लव जिहाद के खिलाफ तैयार विधेयक में अभी भी सुधार की गुंजाइश, कैबिनेट में हुआ नामंजूर - Web India Live

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लव जिहाद के खिलाफ तैयार विधेयक में अभी भी सुधार की गुंजाइश, कैबिनेट में हुआ नामंजूर

भोपाल. मध्यप्रदेश में बीते कई दिनों से जिस लव जिहाद के खिलाफ बनाए जा रहे विधेयक की चर्चा थी उसे मंगलवार को शिवराज कैबिनेट ने नामंजूर कर दिया। मंगलवार को गृह विभाग की तरफ से कैबिनेट में लव जिहाद के खिलाफ तैयार किया गया धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 रखा गया था। इस विधेयक को लेकर सरकार के कई मंत्रियों ने इसमें संशोधन की गुंजाइश जताई जिसके बाद विधेयक को नामंजूर कर दिया गया। अब विधेयक को फिर से संशोधित कर कैबिनेट में पेश किया जाएगा।

 

विधानसभा सत्र से पहले कैबिनेट की मुहर जरूरी
बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार लव जिहाद के खिलाफ प्रदेश में बनाए जा रहे विधेयक को विधानसभा के आने वाले सत्र में पेश करना चाहती है। लेकिन इससे पहले विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी जरुरी है। गृह मंत्रालय की तरफ से लव जिहाद के खिलाफ धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 का मसौदा तय कर लिया है और कैबिनेट की बैठक में रखा गया था जिसे मंत्रियों की तरफ से संशोधन की गुंजाइश बताए जाने के बाद कैबिनेट ने नामंजूर कर दिया है। अब इस विधेयक में फिर से संशोधन कर फिर से विधेयक को शिवराज कैबिनेट की अगली बैठक में पेश किया जाएगा। उम्मीद है कि कुछ संशोधनों के बाद अगली कैबिनेट बैठक में इस विधेयक को मंजूरी मिल जाएगी और फिर इसे आगामी विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा में पेश किया जाएगा।

 

गृह मंत्रालय ने तैयार किया धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 का मसौदा
गृह मंत्रालय की तरफ से बीते कई दिनों से लव जिहाद के खिलाफ बनाए जा रहे धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 का मसौदा तैयार किए जाने में जुटा हुआ था। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने खुद मीडिया में ये बात कही थी कि मध्यप्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ बनाया जा रहा कानून दूसरे राज्यों की तुलना में ज्यादा सख्त होगा। गृहमंत्री ने बताया था कि मध्यप्रदेश में धर्म छिपाकर किसी को धोखा देकर शादी करने पर 10 साल की सजा होगी, इस तरह से विवाह कराने में मदद करने वाली संस्था का पंजीयन रद्द होगा। बगैर आवेदन धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरु को भी 5 साल की सज़ा होगी। इतना ही नहीं अगर कोई अपनी मर्जी से धर्मांतरण कर शादी करना चाहता है तो उसे भी एक माह पूर्व सूचना देनी होगी. धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत स्वयं पीड़ित, माता- पिता, परिजन या संरक्षक अभिभावक द्वारा की जा सकती है।

 

देखें वीडियो- अलविदा मोतीलाल वोरा



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