कोरोना काल में कैसी रही सरकार की भूमिका, लोगों से अपील भी की तो सख्ती भी बरती
भोपाल. साल 2020 कोरोना वायरस के लिए याद किया जाएगा। कोरोना वायरस के कारण देशभर में तीन चरणों में लॉकडाउन लगा रहा। लॉकडाउन के कारण मध्यप्रदेश के कई नागरिक पैदल अपने घरों में आने को मजबूर हुए। वहीं, लॉकडाउन से एक दिन पहले मध्यप्रदेश में नए मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान ने शपथ ग्रहण की थी। इस दौरान सरकार ने लोगों को कई तरीके से मदद पहुंचाई।
सीएम ने खुद किया भ्रमण
लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान सीएम पढ़ने वाले छात्रों के बीच भी पहुंचे और उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो इसके लिए उन्होंने छात्रों से संवाद भी किया।
मनरेगा के मजदूरी बढ़ाई
कोरोना काल में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए थे कि ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों को रोजगार प्रदान करने के लिए 20 अप्रैल से भारत सरकार की गाइड लाइन अनुसार मनरेगा के कार्य शुरू करवाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन मजदूरों के पास मनरेगा कार्ड नहीं है, उनके कार्ड बनवाए जाएं। मनरेगा के अंतर्गत प्रतिदिन मजदूरी की दर गत वर्ष 176 रुपये थी, जिसे बढ़ाकर इस वर्ष 194 रुपये प्रति श्रमिक कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए थे कि संक्रमित क्षेत्रों को छोड़कर शेष क्षेत्रों में सभी उचित मूल्य दुकान खुली रहें। किराना दुकानों को भी अधिकतम समय खोला जाए। कालाबाजारी किसी भी स्थिति में सहन नहीं होगी तथा इसके लिए कलेक्टर स्वयं जिम्मेदार होंगे। बाहर के मजदूरों के लिए भोजन, आवास की व्यवस्था कलेक्टर अपने जिले में सुनिश्चित करें।
फ्री में होगा कोरोना टेस्ट
अनलॉक के बाद मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस की बढ़ती रफ्तार चिंता का सबब बनी हुई थी। जिसे रोकने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही थी। सीएम शिवराज ने कोरोना वायरस के सभी टेस्ट निशुल्क कराए जाने का फैसला लिया। सरकार ने फैसला लिया कि सभी टेस्ट फीवर क्लीनिक पर होंगे, जिसके लिए उनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।
अलग-अलग मद से पैसे ट्रांसफर
शिवराज सरकार ने अलग-अलग मदों से खातों में सीधे पैसे जमा किए। सरकार ने आंगनवाड़ी, छात्रों, स्वरोजगार और गरीब लोगों के खाते में सिंगल क्लिक के माध्यम से खातों में पैसे जमा किया।
सख्ती भी की
कोरोना काल में जहां शिवराज सरकार ने लोगों को मदद पहुंचाई वहीं, सख्ती भी बरती। मुख्यमंत्री ने कहा था कि सभी सामाजिक संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों का दायित्व है कि सब मिलकर लोगों को पूरी तरह से जागरूक करें, तभी हम कोरोना की चैन को तोड़ पायेंगे। लोगों को मास्क लगाने के लिए कहें, कोरोना को रोकने के लिए सख्ती से काम लेना पड़े तो संकोच न करें। कोरोना को रोकना है और इसे जड़ से खत्म करना है।
किल कोरोना अभियान
प्रदेश में एक जुलाई से 'किल कोरोना अभियान' चलाया गया। भोपाल से अभियान की शुरुआत हुई। प्रदेश के सभी जिलों में वायरस नियंत्रण और स्वास्थ्य जागरूकता के इस महत्वपूर्ण अभियान में सरकार और समाज साथ-साथ कार्य किया।
मुख्यमंत्री ने आमजन से भी अपील की थी कि 'किल कोरोना अभियान'' में घर-घर पहुंच रहे सर्वे दल को आवश्यक जानकारी देकर सहयोग करें। इस सर्वे में महिला और पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल हुए। इस अभियान में कुल दस हजार दल कार्य किए। सर्वे दल अनुमानित दस लाख घरों में रोज पहुंचे। एक दल करीब 100 घरों तक पहुंचा।
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