MSME: एक छत के नीचे सारे स्वरोजगार, एक आवेदन से होगा काम
भोपाल. प्रदेश में स्वरोजगार से जुड़ी सभी योजनाओं को एक ही अम्ब्रेला की नीचे लाने की तैयारी चल रही है। रोजगार के लिए अब अलग-अलग आवेदन नहीं करना होगा। योजनाओं का सरलीकरण के तहत सरकार यह व्यवस्था कर रही है।
राज्य में स्वरोजगार के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, स्वरोजगार योजना, कृषि उद्यमी योजना संचालित हैं। इनमें अभी तक अलग-अलग आवेदन देने होते थे। नई व्यवस्था में ऐसा नहीं होगा। योजनाओं में कर्ज रोकने के मुद्दे को पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था
पिछले दिनों सरकार ने बैंकों से स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, स्वरोजगार योजना, कृषि उद्यमी योजना में कर्ज के लिए आवेदनों पर विचार न किया जाए। यदि किसी का कर्ज स्वीकृत हो चुका है तो उसे जारी न किया जाए। पत्रिका ने इस मुददे को प्रमुखता से उठाया था।
अब सरकार ने कहा है कि युवाओं को सस्ता कर्ज मिलता रहेगा। इसके लिए सभी योजनाओं को एक ही प्लेटफार्म पर लाया जा रहा है। इस संबंध में अफसरों को भी निर्देश दे दिए गए हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग में सक्रियता बढ़ी है। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार शिक्षित बेरोजगारों को हुनर के हिसाब से काम देने का प्रयास कर रही है। कोरोना काल में वापस घरों को लौटे लोगों को रजिस्ट्रेशन कर रोजगार दिया जा रहा है। वहीं शहरों की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी हॉकर्स कॉर्नर बनाए जाएंगे, जिससे वे अपना यह बेखौफ होकर अपना व्यवसाय कर सकें।
नहीं रहेगा भ्रम
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा के अनुसार विभाग में स्वरोजगार के लिए कई योजनाएं चल रही है। इन योजनाओं के तहत शिक्षित बेरोजगारों को सस्ता कर्ज उपलब्ध कराया जाता है, जिससे शिक्षित बेरोजगार अपना व्यवसाय शुरू कर सकें। अब सभी योजनाओं को एक अम्ब्रेला के नीचे लाया जा रहा है। इससे भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी और संबंधित को पात्रता के आधार पर योजना का लाभ मिलेगा।
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