2017 में सिंधिया ने बीजेपी सरकार से मांगा था बंगला, कांग्रेस ने भी नहीं किया था एलॉट, अब 18 साल बाद भोपाल में ठिकाना - Web India Live

Breaking News

2017 में सिंधिया ने बीजेपी सरकार से मांगा था बंगला, कांग्रेस ने भी नहीं किया था एलॉट, अब 18 साल बाद भोपाल में ठिकाना

भोपाल. 18 साल की सियासत के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का नया ठिकाना अब भोपाल है। कांग्रेस की सरकार रहते हुए भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को भोपाल में बंगला नहीं मिला था लेकिन अब भाजपा में आने के बाद उन्हें बंगला मिल गया है। 18 साल बाद सिंधिया का नया पता- B-5 श्यामला हिल्स हो गया है। यह बंगला करीब डेढ़ एकड़ में फैला है।

तीन साल पहले किया था अप्लाई
ज्योतिरादित्य सिंधिया जब गुना से सांसद थे तो तीन साल पहले मध्यप्रदेश सरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के तीसरे कार्यकाल में से भोपाल में सरकारी बंगला मांगा था, लेकिन उनका आवेदन करीब छह माह तक लंबित रहा। सिंधिया ने कमलनाथ सरकार में भी प्रयास किया था। फिर 2019 में वह लोकसभा चुनाव हार गए और बंगला नहीं मिल पाया। लेकिन अब राज्यसभा सांसद बनने के बाद अब उन्हें बंगला मिल गया है।

2017 में सिंधिया ने बीजेपी सरकार से मांगा था बंगला, कांग्रेस ने भी नहीं किया था एलॉट, अब 18 साल बाद भोपाल में ठिकाना

18 साल सांसद रहते हुए नहीं मिला बंगला
ज्योतिरादित्य सिंधिया 2002 से लेकर 2019 तक लोकसभा सांसद रहे। मध्यप्रदेश के अन्य सांसदों को भोपाल में बंगला मिला था लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया को कभी बंगला नहीं मिला। इस दौरान प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस की सरकारें भी रहीं लेकिन किसी भी सरकार ने सिंधिया के लिए बंगला एलॉट नहीं किया था। मार्च 2020 में भाजपा की सरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से ही बनी है। मंत्रिमंडल गठन में भी सिंधिया के लोगों को तवज्जो मिली है। अब इसे शिवराज सरकार का तोहफा माना जा रहा है।

कमलनाथ के करीबी को मिला था बंगला
जो बंगला ज्योतिरादित्य सिंधिया को एलॉट किया गया है, उसमें कमलनाथ सरकार में मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल रहते थे। मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद उन्होंने बंगला खाली कर दिया था।

दिल्ली में 33 साल सिंधिया परिवार के पास था बंगला
सिंधिया कई वर्षों से 27 सफदरजंग रोड बंगले में रह रहे थे। वो मध्य प्रदेश के गुना लोकसभा सीट से लगातार सांसद रहते हुए इसी बंगले में 17 साल रहे। यह बंगला पहले ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया को आवंटित हुआ था। उनकी असमय मृत्यु के बाद जब ज्योतिरादित्य चुनाव जीत कर संसद पहुंचे तो सरकार ने उन्हें यह बंगला आवंटित कर दिया था। लेकिन 2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद सिंधिया सिंधिया से ये बंगला खाली करवा लिया गया था।

मध्यप्रदेश में बंगले को लेकर सियासत भी हुई थी। जानकारों का कहना है कि कमलनाथ सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया को बंगला आवंटित नहीं करना भी कमलनाथ सरकार औऱ सिंधिया के बीच दूरी का एक कारण था।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3p7ZzEg
via

No comments