हिंदुओं का नववर्ष अप्रैल 2021 से : जानें कैसा रहेगा देश व दुनिया के लिए - नवसंवत्सर 2078
2020 की समाप्ति के साथ ही 2021 शुरु हो चुका है, वहीं ये भी हर कोई जानता है कि अंग्रेजी वर्ष 2020 किसी भी स्थिति में दुनिया के लिए सुखद यादें देकर नहीं जा गया है। ऐसे में हम आज आपके आने वाले नए हिंदू वर्ष यानि नए संवत्सर 2078 के बारे में बताने जा रहे हैं। जो 13 अप्रैल 2021 से शुरु होकर अप्रैल 2022 तक रहेगा।
इस नवसंवत्सर 2078 के राजा तो मंगल हैं ही मंत्री भी मंगल ही है। अर्थात दोनों पदों पर मंगल ही हैं, ज्योतिष के जानकारों और पंडितों के अनुसार यह स्थिति भारत के पराक्रम और वैभव में वृद्धि करेगी चुंकि इस वर्ष के राजा मंगल होंगे तो ये हमारी तीनों सेनाओं का मनोबल बहुत उंचा रखेंगे। जहां तक हमारी आर्म फोर्स की बात है वे नए तरह के हथियार का इस्तेमाल कर सकती हैं। नए तरह की क्षेत्रों में अपना विस्तार करते हुए नए आपरेशन कर सकती है। कुटनीति व विदेश नीति इस साल नए आंदाज में होगी। जिसे आगे चल कर दुनिया भर में सराहा जाएगा।
वहीं इस साल कई मामलों में सरकार व उसके प्रमुख को घेरने की कोशिशों के बीच असमंजस की स्थिति भी बनेगी, लेकिन इसके बावजूद PM मोदी अपने परक्रम के साथ कई कार्यों पर जीत हासिल करेंगे।
भारत एक सर्वमान्य विश्व के नेता के रूप में और भारतीय प्रमुख नेता के प्रति विश्व के लोग काफी आशा ंवित होंगे और उसके आसपास के देश में भी वो विचार संचालित होंगी, जो भारत वर्ष की संस्क ृति को लिए हुए होंगी।
: पड़ोसियोंं से संबंध और युद्ध की स्थिति
जहां तक युद्ध की बात है तो कैसा भी युद्ध होगा तो अभी जो भारत की स्थिति निर्मित होने जा रही है इस काल खंड में ग्रहों की जो स्थिति है वह भारत को विश्व विजेता के रूप मे सामने लाएगी। यूं तो कई देश हर जगह अच्छी बातें करेंगे लेकिन इनमें से कई देश दूसरे देशों की विस्तारवादी सोच से अंदर ही अंदर नाराज बने रहेंगे। इसमें खासतौर से चीन की विस्तार वादी व पाकिस्तान का आतंकवाद मुख्य रहेगा।
इन नीतियों का इस वर्ष सीधे या छिपे तौर पर प्रतिकार देखने को मिलेगा। चीन से जिन भी देशों की सीमाएं मिलती है वे सभी आपको भारत के साथ खड़े दिखेंगे।
युद्ध की स्थिति फरवरी मार्च में ज्यादा बनती दिख रही है। लेकिन यदि इसके बाद भी बनी तो बहुत अधिक पराक्रम के साथ भारत का एक नया रूप देखने को मिलेगा। इसका कारण मंगल होगा और मंगल भूमि का कारक है।
युद्ध भी भूमि को ही लेकर होगा, कुल मिलाकर इस बार भूमि का विस्तार भारत का होगा या यूं समझें कि भारत की भूमि विमुक्त हो जाएगी। भारत अपनी गरीमा को प्राप्त होगा, अफगानिस्तान भी इसमें भारत का साथ देगा।
ये भी मुमकिन है कि गिलगित,ग्लवान घाटी,गिलगिट,तिब्बत का क्षेत्र व मुजफ्फराबाद तक का क्षेत्र आदि भारत में ही मिल सकता है, या आजाद हो सकता है। पाकिस्तान के एक दो टुकडे हो सकते हैं। भारत का सम्मान पूरी दुनिया में बढ़ेगा।
राजनीति: वर्तमान सरकार की पार्टी की स्थिति or विपक्ष की स्थित़ि
चुनावों में भाजपा का जादू अब देखने को मिलता दिख रहा है। वहीं इसी समय क्षत्रभंग व सत्ता भंग के योग भी हैं। क्षत्रभंग का योग बनता है, किसी कि बनी बनाई चलती सरकार के गिरने की संभावना है, मुख्य रूप से महाराष्ट्र में...
इसके अलावा इस वर्ष किसी वरिष्ठतम राजनेता जो पूर्व में रह चुके हैं वो या जो वर्तमान में हैं, उनके दुनिया छोड़ कर जाने की स्थिति भी बनती दिख रही है।
वही विपक्षी डालो में कांग्रेस दलगत नीतियों में फंसी रहेगी वो अपने विरोधाभास में रहेगी। राहुल गांधी पुन: कांग्रेस के अध्यक्ष बन सकते हैं। कांग्रेस टूट सकती है और इसमें एक नया धडा देखने को मिल सकता है। इसमें नए तरह के नेता व उनके नए काम देखने को मिलेंगे और वे सब किसी अन्य पार्टी से भी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। सिनेमा के कोई वरिष्ठतम कलाकार भी इस वर्ष हमारा साथ छोड़ सकते हैं।
अच्छा और बुरा-
ज्योतिष के जानकर वी डी श्रीवास्तव के अनुसार इस साल संवत का स्थान धोबी का घर है जो वर्षा का योग बनाता है। नार्थ इस्ट का नए तरीके से विकास होगा। चोरी, लूट , ठगी आदि में वृद्धि हो सकती है। प्राकृतिक विपदाओं से जनधन की हानि हो सकती है। वही इस दौरान वेब मीडिया का प्रभाव बढ़ेगा। भारत कई नए उपग्रह आकाश में भेज सकता है। कई नई कंपनियों के आने से रोजगार में वृद्धि होगी।
रक्तपात की घटनाएं, हिंसा आदि भी इस साल होने की आशंका है। सम्प्रदायिक दंगों की भी संभावनाएं हैं। विरोधी दल के कुछ नेता जनता को गुमराह कर सकते हैं। जिससे सामाजिक ताने बाने में परेशानी हो सकती है। भूकंप, भूस्खलन आने की संभावना के साथा ही बाढ़ आदि का प्रकोप भी इस साल देखने को मिल सकता है।
कोरोना कब तक-
ये लगभग अप्रैल 2021 तक नियंत्रण की ओर रहेगी, ... वैक्सीन भी मिलने लगेगी। इसका खौफ व भय भी धीरे धीरे गायब होने लगेगा। भारत का इम्यून काफी पावरफुल होकर उभरेगा।
वर्ष के अंत तक इसमें भारत को कुछ अलग ढंग से पहचान मिल सकती है। भारत के योेगदान को लेकर, इसमें भारत की वैक्सीन सर्वाधिक कारगर होगी। करीब 100 से अधिक देश भारत की वैक्सीन का उपयोग कर लाभ लेंगे। ज्योतिष के जानकारों अनुसार भारत को कोई नोबल या उसी तरह के पुरस्कार भी मिल सकता है, आने वाले वर्ष में...यानि अप्रैल २०२२ के आसपास।
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