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मंत्री ने कहा- किसान उत्पादक के साथ कारोबारी भी बनें, सभी सदस्य भी आत्मनिर्भर बन सकते हैं

भोपाल. किसान फसल उत्पादक के साथ-साथ खाद्य प्रसंस्करण से जुड़कर उपज के कारोबारी भी बनें। खाद्य प्रसंस्करण कारोबार से जुड़ने के लिये प्रदेश सरकार किसानों को आर्थिक मदद के साथ-साथ तकनीकी कौशल भी मुहैया करायेगी। यह बात उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने कही। राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण से जुड़कर परिवार के मुखिया ही नहीं सभी सदस्य भी आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

कुशवाह ने इस अवसर पर लगभग 2 करोड़ 54 लाख रूपए लागत के 17 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया, जिसमें लगभग 192 लाख रूपए लागत से मूर्तरूप लेने जा रही नल-जल योजना शामिल है। इस योजना से उटीलावासियों को घर-घर नल से पानी उपलब्ध होगा। पारंपरिक खेती पर निर्भर रहकर किसान अपनी आय दोगुनी नहीं कर सकते हैं। इसके लिये उन्हें उद्यानिकी फसलें अपनानी होंगी। साथ ही अपनी उपज के अधिक दाम प्राप्त करने के लिये खाद्य प्रसंस्करण व्यवसाय से भी जुड़ना होगा।

उन्होंने कहा कि सरकार ने उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिये रोड़मैप तैयार कर लिया है। किसान इसका लाभ लेने के लिये आगे आएँ। सरकार द्वारा उद्यानिकी फसल और छोटे-बड़े कोल्ड स्टोर निर्माण के लिये 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। इस अवसर पर जानकारी दी कि तानसेन की जन्मस्थली बेहट, भदावना, काशीबाबा देव स्थल, देवगढ़ किला एवं जागेश्वर मंदिर को जोड़ते हुए एक टूरिस्ट सर्किट की कार्य योजना बनाई गई है। इस टूरिस्ट सर्किल को दतिया जिले में स्थित प्रसिद्ध रतनगढ़ माता मंदिर, पीताम्बरा माई एवं ओरछा टूरिस्ट सर्किट से जोड़ा जायेगा।

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने इस अवसर पर जानकारी दी कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के 20 विकासखण्डों को उद्यानिकी फसलों के लिये मॉडल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है।



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