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भूमि विकास नियम में बड़ा बदलाव : अब से बिल्डर नहीं ले सकेंगे कॉलोनी या प्लॉट बनाने के लिये प्राइवेट आर्किटेक्ट से मंजूरी

भोपाल/ मध्य प्रदेश के बिल्डर और कॉलोनाइजर अब प्राइवेट आर्किटेक्ट से किसी कॉलोनी या प्लॉट की बिल्डिंग परमीशन लेकर उसका दुरुप्योग नहीं कर सकेंगे। भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) को पिछले कुछ दिनों से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद इस बड़ी समस्या का निराकरण करने हेतु प्रदेश सरकार ने भूमि विकास नियम में बड़ा बदलाव किया है।

 

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भूमि विकास नियम में बदलाव

लगातार शिकायतें सामने आने के पर रेरा ने आपत्ति लेते हुए कहा था कि, ये नियम आम लोगों को सुविधा देने के लिए बनाया गया है, लेकिन इसका फायदा बिल्डर और कॉलोनाइजर उठा रहे थे। इसलिए अब नगरीय प्रशासन ने भूमि विकास नियम बदलाव किया है। इसके तहत अब सिर्फ अपने लिए मकान बनाने वाले लोग ही प्राइवेट आर्किटेक्ट से भवन बनाने की परमीशन ले सकेंगे।

 

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अब तक यह था नियम

नगरीय प्रशासन की ओर से साल 2016 में बिल्डिंग परमिशन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नियम में बदलाव करते हुए प्राइवेट आर्किटेक्ट को इसके लिए अधिकृत किया था। बिल्डिंग परमिशन देने के लिए आर्किटेक्ट की योग्यता तय की गई थी। ग्राम एवं नगर निवेश डायरेक्टर इन्हें अधिकृत करके संबंधित निकाय में आर्किटेक्ट का रजिस्ट्रेशन होता है। इसमें 300 वर्ग मीटर तक के प्लॉट पर प्राइवेट आर्किटेक्ट बिल्डिंग परमिशन दे सकता है। इसमें परमिशन लेने वाले को निकाय के चक्कर नहीं लगाना पड़ते।


बिल्डर इस तरह कर रहे थे नियम का दुरुप्योग

आम लोगों की सुविधा के लिए बनाए गए इस नियम के लूपहोल का फायदा कई बिल्डरों ने उठाया। उन्होंने पूरी कॉलोनी की परमिशन लेने के बजाय प्राइवेट आर्किटेक्ट से अलग-अलग प्लॉट की अलग-अलग बिल्डिंग परमिशन ली। इसमें कई जगह कॉलोनी का विकास तक नहीं हुआ, लेकिन प्लॉट पर बिल्डिंग परमिशन मिल गई। अलग-अलग परमिशन लेने से कर्मकार कल्याण में मिलने वाली छूट का लाभ भी हुआ। इसके बाद शासन का ध्यान इस ओर गया और अब नियम में बदलाव किया गया है। संशोधन के मुताबिक, बेचने के उद्देश्य से मकान बनाने वाले कॉलोनाइजर को प्राइवेट आर्किटेक्ट बिल्डिंग परमिशन नहीं मिलेगी।

 

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आम लोगों के लिए बना ये नियम

भोपाल नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी के मुताबिक, प्राइवेट आर्किटेक्ट काे बिल्डिंग परमिशन का अधिकार आम जनता के फायदे के लिये किया गया है। इसका दुरुपयोग न हो, इसलिए राज्य शासन द्वारा नियमों में बदलाव किया गया है। अब इसके अनुसार, आर्किटेक्ट बिल्डिंग परमिशन दे सकेंगे। बिल्डरों को भवन अनुज्ञा नगर-निगम से लेना होगी।


शासन का ये अच्छा निर्णय

क्रेडाई भोपाल के अध्यक्ष नितिन अग्रवाल कहा कि, ये एक अच्छा कदम है। ये शासन का नजरिया है कि, वो क्या नियम बनाना चाहता है। शासन ने कुछ सोच समझकर ही नियम बनाया होगा। सभी को नियमों का पालन करना चाहिए।

 

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