30 हजार चयनित शिक्षकों का बड़ा आंदोलन 5 फरवरी को, मुख्यमंत्री को याद दिलाएंगे वादा
भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में चयनित 30 हजार से अधिक शिक्षकों का सब्र अब टूटते नजर आ रहा है। शुक्रवार को प्रदेशभर में बड़ा प्रदर्शन होने जा रहा है। यह सभी जिलों में एक साथ एक ही दिन, एक समय पर होगा। इस दिन सभी चयनित शिक्षक और प्रतीक्षा सूची में शामिल शिक्षक एकत्र होकर मुख्यमंत्री को अपना वादा याद दिलाएंगे और जल्द से जल्द नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने की मांग करेंगे।
एक साथ नजर आएंगे 30 हजार
मध्यप्रदेश चयनित शिक्षक संघ भोपाल समेत प्रदेश के सभी जिलों में 5 फरवरी को 11 बजे शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आयोजन कर रहा है। सभी जिलों में एक दिवसीय प्रदर्शन की अनुमति ले ली गई है। यह शिक्षक शांतिपूर्ण ठंग से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ( shivraj government ) को अपना वादा याद दिलाएंगे। साथ ही सभी जिलों में एक साथ जल्द ज्वाइनिंग की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा। चयनित शिक्षक संघ के एक पदाधिकारी ने बताया कि कोरोनाकाल में सभी 30 हजार से अधिक शिक्षक एक साथ प्रदर्शन में भाग लेंगे।
मध्यप्रदेश / चयनित शिक्षक बोले- दो साल से कर रहे हैं इंतजार, ज्वाइनिंग कब देगी सरकार
शिवराज सरकार ने ही निकाली थी भर्ती
उच्च माध्यमिक और माध्यमिक चयनित शिक्षकों के मुताबिक शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल में यह भर्ती निकाली गई थी। इसके बाद कमलनाथ सरकार में परीक्षा हुई। रिजल्ट आने के वक्त ही कमलनाथ सरकार चली गई और दोबारा शिवराज सरकार सत्ता में आ गई। इसके साथ ही कोरोनाकाल आने से भर्ती प्रक्रिया बीच में ही रोक दी गई।
ऐसे अटकी भर्ती प्रक्रिया
- प्रदेश में सितंबर 2018 में स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग न माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की कुल 30 हजार 594 पदों पर पात्रता परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी किया था।
- परीक्षा दिसंबर 2018 में होनी थी, लेकिन विधानसभा चुनाव आ जाने के कारण मार्च 2019 हो सकी। परीक्षा का रिजल्ट भी ऐसे समय में आया जब मई 2019 में लोकसभा चुनावों की आचार संहिता लग गई।
- अंत में अक्टूबर तक परिणाम जारी हो सके। इस लेटलतीफी के कारण इन्हें हाईकोर्ट में रिट पिटीशन तक दायर करनी पड़ी।
- परिणाम घोषित होने के बाद भर्ती का विज्ञापन और विषयवार पद जारी किए जाने में भी तीन माह लगा दिए गए। फिर लाकडाउन के चलते प्रक्रिया प्रक्रिया रोक दी गई।
- जून 2020 में फिर सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हुई, अभ्यर्थियों की उपस्थिति शत-प्रतिशत थी, लेकिन अचानक परिवहन साधन न होने का कारण बताकर सत्यापन प्रक्रिया को रोक दिया गया। तभी से यह पूरा मामला ठंडे बस्ते में है।
- शिवराज सरकार के जिम्मेदार अधिकारी कहते हैं कि नियमों में कुछ परिवर्तन करने के बाद दस्तावेजों का सत्यापन शुरू करेंगे, लेकिन इस पर कोई कदम उठाए जाते नजर नहीं आ रहे हैं।
फरवरी में शुरू हो प्रक्रिया
चयनित शिक्षकों का कहना है कि दो साल में भी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। फरवरी में ही दस्तावेजों का वेरीफिकेशन कर शीघ्र ज्वाइनिंग दी जाए। शिक्षकों ने कहा कि अनावश्यक विलंब करने से उनके परिवार पर आर्थिक संकट आ गया है।। वहीं प्रदेश के स्कूलों में भी शिक्षकों की कमी से बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।
कमलनाथ भी कर चुके हैं सिफारिश
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी चयनित शिक्षकों के लिए शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर जल्दी नियुक्ति देने की सिफारिश कर चुके हैं। इनके साथ ही भाजपा के बड़े पदाधिकारी, सांसद और विधायक भी जल्द से जल्द चयनित शिक्षकों को नियुक्ति देने के लिए शिक्षकों के साथ खड़े हैं।
भर्ती प्रक्रिया की जानकारी यहां देखें
trc.mponline.gov.in
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