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Astrology : अब बाजार पकड़ेगा रफ्तार, ग्रहों के योग कर रहे इशारा

इस साल यानि 2021 में 9 फरवरी को रात 8 बजकर 30 मिनट तक पंचग्रही योग रहने के बाद इसी तारीख को चन्द्रमा भी रात 8 बजकर 31 मिनट तक मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जिसके साथ ही मकर राशि में सूर्य, गुरु, शुक्र, शनि, बुध और चन्द्रमा का षड्ग्रही योग बन जाएगा।

पंडित सुनील शर्मा का कहना है दरअसल फरवरी 2021 में षड्ग्रही योग तो बन रहा है, लेकिन उसमें सूर्य साथ में होने से सारे ग्रहों का दुष्प्रभाव समाप्त हो गया है। ऐसे में विशेष संकट नहीं आएगा। इसका कारण ये है कि पहला यहां राहु नहीं है जो सूर्य का ग्रास कर लेता है। वहीं सूर्य के संबंध में ये भी माना जाता है कि ये जहां भी होता है, वहां अन्य खासतौर पर शत्रु ग्रह के प्रभाव को जला देता है। ऐसे में केवल यह मित्र ग्रहों से ही संयोग बनाता है।

वहीं 12 फरवरी के बाद जब सूर्य मकर से कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएगा, उसके बाद कोरोना महामारी के समाप्त होने के योग बन रहे हैं। दूसरी ओर इस समय मंगल अपनी स्वराशि मेष में भ्रमण कर रहे है, जिसके चलते बाजार फिर से रफ्तार पकड़ता दिख रहा है। इसके अलावा शुक्र इस समय अपने मित्र शनि की राशि में होने के चलते बाजार में रफ्तार की वृद्धि में सहयोग कर सकते हैं।

इसके अलावा बाजार का इस साल मध्य तक रफ्तार काफी तेज पकड़ लेने का कारण ये भी दिख रहा है कि 13 अप्रैल 2021 से आने वाला हिंदू वर्ष यानि नव संवत्सर 2078 जिसका नाम तो राक्षस है, लेकिन संवत्सर के राजा व मंत्री दोनों ही मंगल हैं। ऐसे में मंगल का प्रभाव जमीन व उससे जुड़ी कई चीजों पर खास असर डालता दिख रहा है। ऐसे में यह मंगल भारत के पराक्रम व वैभव दोनों में वृद्धि करेगा।

13 अप्रैल 2021 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से भारतीय नववर्ष विक्रम 2078 राक्षस नामक संवत प्रारंभ होगा, वर्ष का राजा और मंत्री मंगल होगा। छल कपट की राजनीति बढ़ेगी। अपराधियों का भंडाफोड़ होगा। सरकार अपनी लोक लुभावनी नीतियों से जनता को आकर्षित करने का प्रयास करेगी। प्राकृतिक आपदाओं व नई-नई संक्रामक बीमारियों से जनता त्रस्त होगी। धर्मं व अध्यात्म की राजनीति तेज होगी। महंगाई व बेरोज़गारी का ग्राफ बढ़ेगा। सरकार के नित नए कानून जनता को दुविधा में डालेंगे।

वहीं फरवरी के इस षड्ग्रही योग के समय सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग के अलावा सूर्य-बृहस्पति से जीवात्मा योग, बृहस्पति-चन्द्रमा से गजकेसरी योग और शुक्र-चन्द्रमा से भी योग बनेंगे। ये सभी शुभ योग हैं। जो कहीं न कहीं बाजार को भी प्रभावित करते दिख रहे हैं। कुल मिलाकर ग्रहों का इशारा ऐसा है कि अब धीरे धीरे बाजार रफ्तार पकड़ना शुरू कर देगा, जो करीब मई 2021 तक पूर्ण रफ्तार पर आ जाएगा।

वर्ष 2021 में ग्रहों की खास युति को ऐसे समझें...

: 9 फरवरी 2021 को चन्द्र, सूर्य, बुध, शुक्र, शनि व गुरु की छः ग्रहों की युति गोल योग बना रही है, जो दुनिया के लिए अच्छी नहीं रहेगी ? नवांश में चन्द्र-सूर्य तथा राहू की पंचम स्थान में युति आतंरिक समस्या को बढ़ा सकती है। प्राकृतिक आपदा, साम्प्रदायिक उपद्रव के चलते अशांति का वातावरण हावी हो सकता है। पडोसी राष्ट्रों से भी संबंधों में कटुता उत्पन्न हो सकती है। तृतीय भाव का स्वामी मंगल अष्टम स्थान में स्थित है।

: तृतीय भाव मीडिया का होता है। मीडिया की कार्यशैली इस वर्ष शंका के घेरे में रहेगी। तृतीय भाव संचार का भी होता है, अष्टम मंगल किसी बड़े तकनीकी आविष्कार की ओर भी संकेत कर रहा है।

: शुक्र केतु की युति पराक्रम भाव में, सिनेमा जगत के लिए कठिनतम समय दर्शा रही है। सिनेमा जगत पर ड्रग, नशा और तमाम नकारात्मकता उजागर हो सकती है।

: पंचम स्थान खेल का होता है। भारत के लिए अप्रैल पश्चात कोई बड़ी सफलता खेल की तरफ से प्राप्त हो सकती है। अमेरिका का दबदबा इस वर्ष कम हो सकता है ? रूस , जापान, कोरिया का प्रभाव बढ़ सकता है। पाकिस्तान, चीन, नेपाल तथा ईरान में अंतर्कलह हावी रह सकते है। इस वर्ष यूरोपीय देशों का प्रभुत्व बढ़ सकता है।

: 02 जून से 20 जुलाई तक मकर राशि में शनि मंगल की युति होगी, यह समय देश के लिए उत्तम नहीं है। प्राकृतिक आपदा, वातावरण में परिवर्तन, आतंकवाद और उग्रवाद के चलते भारी हानि के संकेत है। सुरक्षा की दृष्टि से देखें तो देश के पश्चिम हिस्से में इन सब का प्रभाव रहेगा। शनि मंगल युद्ध जैसी स्थिति भी निर्मित कर सकते हैं।

: 14 सितंबर से 19 नवंबर के मध्य बृहस्पति का वक्री होकर पुनः मकर राशि में प्रभाव संक्रामक बीमारी तथा महामारी आदि के प्रभाव को दर्शा रहा है। गुरु शनि वैश्विक आर्थिक महामारी की स्थिति को भी दर्शा रहे हैं। यह वर्ष देश के प्रधान नेताओं के लिए उत्तम नहीं है। वर्ष 2021 में कुल 4 ग्रहण होंगे, 2 सूर्य व 2 चंद्र ग्रहण।

: यदि हम चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की कुंडली पर विचार करें तो आकाशीय कौंसिल में वर्ष का राजा और मंत्री तथा मेघेश पद मंगल को ही प्राप्त है। ऐसे में खंड वर्षा, आगजनी, संक्रामक बीमारी तथा महामारी से लोगों में भय का वातावरण बन सकता है। लेकिन भारत की कुंडली में मंगल की स्थिति पर ज्योतिष के जानकारों और पंडितों के अनुसार यह स्थिति भारत के पराक्रम और वैभव में वृद्धि करेगी चुंकि इस वर्ष के राजा मंगल होंगे तो ये हमारी तीनों सेनाओं का मनोबल बहुत उंचा रखेंगे।

इसके अलावा अप्रैल तक ही वैक्सीन भी मिलने से कोरोना का खौफ व भय भी धीरे धीरे गायब होने लगेगा। भारत का इम्यून काफी पावरफुल होकर उभरेगा। वहीं वर्ष के अंत यानि संवत्सर के अंत अप्रैल 2022 तक इसमें भारत को कुछ अलग ढंग से पहचान मिल सकती है।

वहीं कोरोना मिटाने में भारत की वैक्सीन सर्वाधिक कारगर होगी। इसमें करीब 100 से अधिक देश भारत की वैक्सीन का उपयोग कर लाभ लेंगे। ज्योतिष के जानकारों अनुसार कोरोना मिटाने में भारत के योेगदान को लेकर भारत को कोई नोबल या उसी तरह के पुरस्कार भी अप्रैल 2020 के आसपास मिल सकता है।



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