Blind Challenge: ब्लाइंड बच्चों ने बताया रास्ता, 30 किमी दौड़ाई कारें - Web India Live

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Blind Challenge: ब्लाइंड बच्चों ने बताया रास्ता, 30 किमी दौड़ाई कारें

भोपाल। अरुषि और दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड के तत्वावधान में 15वीं ब्लाइंड कार रैली ( 15th Blind Challenge Car Rally ) का आयोजन किया गया। ज्यादा धीमे या ज्यादा तेज चलने पर पैनाल्टी पॉइंट्स लगाए गए। इसके लिए पैसेज कंट्रोल चेक पॉइंट बनाए गए थे। नेविगेटर ने ब्रेल लिपि में लिखी गई रूट मेप बुक पढ़कर रास्ता बताया। सभी गाडिय़ों को लगभग 30 किमी का रास्ता नियंत्रित गति से तय करना था। केवल 10 प्रतिभागियों ने पूरे चेक पॉइंट कवर कर पाए। दृष्टिहीनों के लिए कार रैली को आयोजित करने वाली आरुषि और जीनियस संस्था का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉडर्स में भी दर्ज हो चुका है। रैली एमपी नगर स्थित एक मॉल से शुरू होकर मानव संग्रहालय पर खत्म हुई।

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रैली की रूप रेखा जीनियस (द क्रिएटिव ग्रुप) के नीरज गुलाटी द्वारा तैयार की गई। वहीं, ब्रेल रूटमेप अरुषि ने तैयार किया था। पहली गाड़ी एएस सिंहदेव ने चलाई। रैली में 25 प्रतिभागियों ने भाग लिया। रैली में कई प्रतिभागी रास्ता भटकते हुए मंजिल तक पंहुचे। रैली में भोपाल के बाहर के प्रतिभागी भी शामिल हुए, जिन्हें शहर के रास्तों की जानकारी नहीं थी। उन्होंने नेविगेटर के सहयोग से रैली पूरी की। रोमांच से भरपूर रैली में ड्राइवर व नेविगेटर रफ्तार से नहीं बल्कि नियंत्रित गति से व सही रास्ते पर चलकर मंजिल तक पंहुचे हैं। ज्यादा धीमें या ज्यादा तेज चलने पर पेनाल्टी पॉइंट्स लगाए गए।

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ये रहे विजेता

04 पेनाल्टी पॉइंट्स के साथ चालक चित्रा मनवानी व नेविगेटर साजिद अंसारी पहले नम्बर पर रहे। वहीं, 21 पेनाल्टी पॉइंट्स के साथ राजेन्द्र देव व नेविगेटर ब्रजेश जाटव, शिवपुरी दूसरे और 31 पेनाल्टी पॉइंट्स के साथ चालक दीप्ति बादल व नेविगेटर प्रेमदास हरियाले तीसरे स्थान पर रहे। विशेष पुरस्कार राजीव सक्सेना को दिया गया। विशेष वाहन की श्रेणी में अलीना जाहिद को पुरस्कार दिया गया। डॉ. आरके शर्मा मेमोरियल ट्रॉफी मेजर राजेश पाल को दी गई।

 

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नेविगेटर की मदद से पूरी हुई रेस

मैंने रैली में दूसरी बार हिस्सा लिया है। बेटे के साथ मिलकर रूट का कैलकुशन कर स्पीड तय की। जल्दी पहुंचने पर 10 प्वाइंट की पैनाल्टी थी तो लेट पर एक प्वाइंट की। हम टीसी-3 पर तीन मिनट लेट पहुंचे। वहीं, टीसी-5 यानी लास्ट प्वाइंट पर एक मिनट लेट पहुंचे। कैलकुलेशन के हिसाब से हर किलोमीटर का सफर दो मिनट में तय करना था। न्यूनतम स्पीड 20 किलोमीट प्रतिघंटा और अधिकतम स्पीड 40 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो सकती है। स्लैब के हिसाब से हमने नेविगेटर की मदद से रेस पूरी की। यदि एक गलत टर्न लेते तो रैली से बाहर हो जाते। इनाम राशि से हम दिव्यांग बच्चों के लिए पार्टी ऑर्गनाइज करते हैं।

-चित्रा मनवानी, कार चालक

 

मैं पेशे से एक बिजनेसमैन हूं। पिछले 15 सालों से रैली में शामिल हो रहा हूं। टाइमिंग चार्ट से स्पीड और डिस्टसेंट का हिसाब लगाकर हर मिनट की स्पीड तय की। नेविगेटर हमें ब्रेल पढ़कर रास्ता बताते हैं। हमें लगातार स्पीड और दूरी पर निगाह रखनी होती है। दूरी पूरी होते ही नेविगेटर हमें बताता है कि अब आगे कहां टर्न होना है। उनकी स्टेप्स को फॉलो करना होता है। मैंने इनाम की राशि अरुषि को ही डोनेट की है।

-राजेन्द्र देव, कार चालक


मैं मुंबई से लॉ की पढ़ाई कर रही हूं। मैंने अपनी 1952 मॉडल की रिलीज जीप से रैली में हिस्सा लिया। ये लेफ्ट हैंड ड्राइव कार है। मेरे साथ नेविगेटर वंदना प्रजापति थीं। हमें 60 पेनाल्टी प्वाइंट मिले। ये रेस में मेरा पहला अनुभव था। मैं पिछले चार सालों से संस्था से जुड़ी हूं।

-अलीना जाहिद, कार चालक



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