कमलनाथ का दर्द: मुझे प्रदेश की राजनीति नहीं आती थी, अगर ये क्षेत्र साथ देता एमपी में हमारी सरकार होती
भोपाल. मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिर करीब 11 महीने का वक्त हो गया। सरकार गिरने का दर्द अभी भी दिखाई देता है। गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ का दर्द सामने आ गया। उन्होंने कहा- मैंने हमेशा केंद्र की राजनीति की, मुझे प्रदेश की राजनीति नहीं आती थी। मुख्यमंत्री बनना मेरा कभी लक्ष्य नहीं रहा था। यहां लोगों को लगने लगा था कि यहां अब कभी कांग्रेस की सरकार नहीं बन सकती।
इसलिए में मध्य प्रदेश में आया। मैंने नए सिरे से काम किया और प्रदेश में हमारी सरकार बनी। कमलनाथ ने कहा कि अगर मध्यप्रदेश का विंध्य हमें धोखा नहीं देता तो आज हमारी सरकार रहती। बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को विंध्य क्षेत्र से सबसे कम सीटें मिली थी। रीवा जिले में कांग्रेस का खाता नहीं खुली जिले की सभी सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। कमलनाथ ने ये भी कहा कि दो मार्च को मेरी ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात भी हुई थी।
वहीं, केंद्रीय संगठन में जाने की खबरों को विराम देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा मैं मध्यप्रदेश में हूं और रहूंगा। उन्होंने स्वीकार किया कि पार्टी के दूसरे राज्यों के मसलों को भी वे देख रहे हैं। मीडिया से अनौपचारिक चर्चा में कमनलाथ ने कहा कि सोनिया गांधी, प्रियंका, राहुल गांधी से उनकी सतत चर्चा हो रही है। जिन लोगों ने पत्र लिखा था, उनसे बात की है और अब पूर्व जैसी स्थिति नहीं है।
आज सीएम से मिले कमलनाथ
शुक्रवार सुबह कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इस दौरान कमलनाथ ने किसान आंदोलन, कृषि क़ानूनों, प्रदेश के विकास व जनहित के कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह तीन कृषि क़ानून किसानों को बर्बाद कर देंगे, इसका राजनीति से परे हटकर हर किसान हितैषी व्यक्ति को विरोध करना चाहिये। हमारा देश कृषि प्रधान देश है। इन क़ानूनों से खेती और किसानी दोनों को भारी नुक़सान होगा।
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