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लेटलतीफी से योजनाएं रद्द, 2500 एकड़ जमीन अटकी

भोपाल. भोपाल विकास प्राधिकरण (BDA) की लेटलतीफी से रद्द योजनाओं में 2500 एकड़ जमीन फंस गई है। योजनाएं रद्द हुए एक महीने से अधिक समय बीतने के बावजूद इस जमीन की वापसी कैसे करेंगे, इस बारे में कोई निर्णय अब तक नहीं हुआ। यदि प्रक्रिया तय नहीं होती तो जमीन को उनके लाभान्वितों को उस तक पहुंचाना मुश्किल हो जाएगा।

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बीडीए ने बंद योजनाओं को नए सिरे से बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन रद्द करना पड़ा। योजनाएं जारी रहें और लोगों को उनकी जमीन का लाभ जल्दी मिले, इसके लिए तत्कालीन पीएस नगरीय प्रशासन नीतेश व्यास ने इनका प्रजेंटेशन देखा था। तय किया गया था कि 15 साल पुरानी 14 योजनाओं को दोबारा शुरू किया जाए। शासन के पास इसका प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन इसमें काफी देरी व लेटलतीफी हुई, जिससे इन्हें रद्द ही करना पड़ा। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अफसर भी इस निर्णय में शामिल रहे।

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गौरतलब है कि बीडीए ने 2006 से 2014 तक नवीन बायपास होशंगाबाद रोड, भैंरोपुर ट्रांसपोर्ट नगर और बॉटनीकल गार्डन जैसी योजनाएं तैयार तो कीं, लेकिन काम रफ्तार ही नहीं पकड़ पाया था। ऐसे में सरकार ने इन योजनाओं को बंद करने का फैसला किया था। इन योजनाओं के लिए अलग-अलग हिस्सों में 2393 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था। ये जमीनें किसानों से ली गई थी। इनका विकास नहीं होने से किसानों को पूरा लाभ नहीं मिला। रद्द होने की स्थिति में फिर वे लाभ से वंचित रहेंगे।

हर बार ठगे गए किसान
आपसी करार से लेकर अन्य स्कीम में किसानों की जमीन लेने के बाद उनका विकास तय समय में पूरा नहीं करने से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। मिसरोद से लेकर विद्यानगर, एयरोसिटी व इसी तरह की अन्य योजनाओं में किसानों की जमीनों को तय रेशियों में उपयोग किया गया और बाद में उन्हें उनका उचित प्रतिफल प्राप्त नहीं हुआ। अब भी कई योजनाओं में किसाने परेशान होकर शिकायतें कर रहे हैं। बताया जाता है कि योजनाओं को तय समय में पूरा करने में आर्थिक दिक्कत बड़ा रोड़ साबित हुई।

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प्रशासक-संभागायुक्त कविंद्र कियावत ने बताया कि योजनाओं को समय पर पूरा कराने के लिए कोशिशें की जाती हैं। अब शासन के नियमों के तहत जो रद्द होना या फिर जिन्हें फिर से तय करना है, उनपर काम शुरू होगा। योजनाएं सामान्यजनों के लाभ के लिए ही है।

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