Benefits Of Havan: चमत्कारी हैं हवन के फायदे, वैज्ञानिक भी करते हैं समर्थन
भोपाल। महामारी की रोकथाम के लिए कई शहरों में हवन-यज्ञ हो रहे हैं। राजधानी में भी शाम के वक्त कई घरों में हवन किए जा रहे हैं। हवन करने वालों का मानना है कि एक साथ हजारों लोग यदि हवन करेंगे तो हमारे वायुमंडल में मौजूद बैक्टीरिया खत्म होंगे और वातावरण स्वच्छ होगा।
दुनिया के सबसे प्राचीनतम 'ऋग्वेद' में हवन के बारे में जो बताया उसे आज के वैज्ञानिक भी मानते हैं। यही कारण है पुरातनकाल से चली आ रही परंपरा को कुछ लोग आज भी निभा रहे हैं। भोपाल में ही सैकड़ों लोग हैं जो हर दिन शाम को हवन कर रहे हैं।
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गोविंदपुरा इंडस्ट्रीयल एरिया में रहने वाले सुभाष शर्मा भी उन लोगों में से हैं, जो इन दिनों हवन करके अपने घर के आसपास का वातावरण स्वच्छ करने में जुटे हैं। वे हर दिन एक समय पर हवन करते हैं और जड़ी-बूटियां, आम की लकड़ी, जौ, तिल, गुड़-घी समेत हर वो चीजें हवन में डालते हैं, जिनसे वातावरण स्वच्छ होता है। ऐसे हवन से ईर्द-गिर्द रहने वाले बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं।
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मित्रों को भी करते हैं प्रेरित
शर्मा अपने मित्रों को भी हर दिन हवन (havan) करने के लिए प्रेरित करते हैं। उनका कहना है इस हवन को हम धार्मिक दृष्टि से नहीं देखें और हर धर्म के लोग करें। क्योंकि इसका वैज्ञानिक आधार भी है। हवन हमारे और हमारे परिवार को ही स्वस्थ रखता है। हमारा मकसद वातावरण में मौजूद कीटाणु, बैक्टीरिया (bacteria) को खत्म करना है।
सुभाष शर्मा कहते हैं कि दुनिया के सबसे प्राचीन वेद 'ऋग्वेद' में भी इसका उल्लेख है। हमारे पूर्वजों ने हमें सोच-समझकर ही यह संस्कृति दी है। शर्मा का दावा है कि यदि हजारों लोग एक साथ हवन करेंगे तो निश्चित ही बारिश अच्छी होगी, हमारे आसपास के खेत कीटाणुमुक्त रहेंगे। इन बातों को रिसर्च में वैज्ञानिकों ने भी माना है।
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क्या कहता है रिसर्च
- नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ की ओर से किए गए परीक्षण में यह बात सामने आई कि हवन में डलने वाली सामग्री से हवा में उपस्थित कीटाणु मर जाते हैं।
- डॉ. एम त्रिल्ट के एक शोध के मुताबिक हवन में किशमिश डालने से हवा में उपस्थित टाइफाइड फैलाने वाले कीटाणु 30 मिनट में खत्म हो जाते हैं।
- अमेरिका से पुणे रिसर्च करने आए मनोविज्ञानी बैरी राथ्नेर के रिसर्च किया तो यह पाया कि हवन पर्यावरण के लिए बहुत फायदेमंद है। यह इंसान के दिमाग को भी तरोताजा कर देता है।
- फ्रेंच वैज्ञानिक तिल्वेर्ट को अपने शोध में यह बात पता चली कि हवन में गुड़ डालने से हवा स्वच्छ होती है। मिजल्स, कालरा और डीके जैसी घातक बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं।
- एमडी (मेडिसिन) डॉ कुंदन लाल ने अपनी खोज में पाया था कि हवन ( hawan) में सिर्फ एक किलो आम की लकड़ी डालने से उसका धुआ हवा में मिलता है तो 94 प्रतिशत कीटाणु मर जाते हैं। इसके साथ ही अगले 24 घंटों तक 96 फीसदी बैक्टीरिया मुक्त वातावरण हो जाता है।
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