रोज बदलकर नया मास्क पहनें, नहीं तो हो सकता है 'ब्लैक फंगस'
भोपाल। स्टेरॉयड और ऑक्सीजन के चलते ब्लैक फंगस की आशंका के बाद गंदा मास्क भी इसकी वजह बन सकता है। लगातार कई दिनों तक एक ही गंदा मास्क लगाने से ब्लैक फंगस हो सकता है। शहर में ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, जिसमें पीड़ित को कोरोना के इलाज के दौरान न स्टेरॉयड लगा, न ऑक्सीजन, उसे शुगर भी नहीं है, वहीं इलाज भी होम आइसोलेशन में हुआ, लेकिन अब ब्लैक फंगस ने घेर लिया है।
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रोज पहनें नया मास्क
नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉ. यशवीर कहते हैं कि लंबे समय तक एक ही मास्क पहनने से म्यूकोर मायकोसिस का खतरा बढ़ जाता है। मास्क पर गंदगी के कण नाक से होते हुए आंखों में फंगल इन्फेक्शन का खतरा बन सकते है। इसके अलावा मास्क में नमी होने पर भी ऐसे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। डॉ. यशवीर कहते हैं कि एक मास्क लगातार उपयोग न करें। रात में उतारने के बाद सैनिटाइज जरूर करें। संभव हो तो रोज बदलकर नया मास्क पहनें।
तेजी से फैला संक्रमण
29 वर्षीय रोशन गुरुंग (परिवर्तित नाम) को तीन दिन से नाक में भारीपन महसूस हो रहा था। नाक के पास हल्की सूजन और सुन्न भी होने लगा। रविवार को सांस लेने में तकलीफ हुई, तो हमीदिया अस्पताल पहुंचे। जांच में ब्लैक फंगस की आशंका जताई गई। भर्ती हुए रोशन को डॉक्टरों ने जब सोमवार को देखा तो हैरान हो गए। चेहरे का अधिकांश हिस्सा काला था। वे समझ नहीं पाए कि संक्रमण इतनी जल्दी कैसे बढ़ा? रोशन को कोरोना हुआ था लेकिन न ऑक्सीजन लगा, न स्टेरॉयड लिया, होम आइसोलेशन में ही स्वस्थ हो गए थे।
दांत में दर्द उठा, जांच रिपोर्ट में निकला ब्लैक फंगस
कोराना से ठीक होने के बाद 29 साल के भंवर लाल को दांत में तेज दर्द हुआ। कई डाक्टरों को दिखाया, लेकिन आराम नहीं मिला। इसके बाद स्कैन कराया गया, तो रिपोर्ट देखकर डॉक्टरों ने ब्लैक फंगस की आशंका जताई। कहा गया कि हमीदिया अस्पताल में दिखा लें। जब सोमवार को रिपोर्ट दिखाई, तो ब्लैक फंगस संक्रमित होने की पुष्टि कर भर्ती किया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
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