Mohini Ekadashi 2021: मोहिनी एकादशी के खास उपाय, जो देते हैं सुख-संपत्ति के साथ ही ऐश्वर्य और वैभव!
वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को महा एकादशी माना जाता है, इस एकादशी का नाम मोहनी एकादशी है। सनातन धर्म में इस मोहिनी एकादशी का बहुत महत्व है। ऐसे में इस साल यानि 2021 में रविवार 23 मई को मोहिनी एकादशी मनाई जाएगी।
जानकारों के अनुसार वैशाख माह सूर्य के मेष राशि में गोचर पर आधारित है। वहीं यह भी कहा जाता है कि इसी दौरान Lord Vishnu सहित देवियों के भी सर्वाधिक अवतार हुए हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने देवी-देवताओं को अमृत पान कराने के लिए मोहिनी रूप धारण किया था। हिंदू धर्म में समस्त Ekadashi Tithi भगवान विष्णु को समर्पित होती है।
MUST READ : Rashi parivartan 2021- बुध का अपनी ही राशि में प्रवेश, इन 4 राशिवालों का चमकाएगा भाग्य
मोहिनी एकादशी 2021 का शुभ मुहूर्त:-
इस बार मोहिनी एकादशी का प्रारंभ 22 मई शनिवार को 9:15 बजे से हो रहा है। वहीं यह तिथि 23 मई रविवार को 6:45 बजे समाप्त होगी। इस एकादशी का पारण समय यानि एकादशी व्रत तोड़ने का समय अगले दिन 24 मई दिन सोमवार सुबह 06 बजकर 01 मिनट से सुबह 08 बजकर 39 मिनट बीच है। इस दिन पारण से पूर्व स्नान करें और उसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। फिर ब्राह्मणों को दान दें और अपना व्रत तोड़ लें।
जानकारों के अनुसार 23 मई 2021 को एकादशी की तिथि में ब्रह्ममुहूर्त में उठकर नित्यकर्म स्नानादि से निवृत होकर भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद Puja स्थल पर बैठकर पूजा की चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें।
फिर पूजन प्रारंभ करते हुए भगवान विष्णु का विधि विधान से पूजन और चंदन, अक्षत, पंचामृत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य और फल आदि अर्पित करें। इस दिन vishnu-sahastranam का पाठ करना अति उत्तम माना गया है। मोहिनी एकादशी व्रत का अगले दिन शुभ मुहूर्त में पारण करें।
Must Read : शिवपूजन के लिए अत्यंत खास है वैशाख माह, जानें सोमवार को क्या करें...
मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है और हर इच्छा पूरी होती है। यह एकादशी भगवान श्री कृष्ण के मोहन स्वरूप और भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप से जुड़ी हुई है। इस स्वरूप में भगवान विष्णु ने राक्षसों के विनाश के लिए अमृत बांटने की जगह मोहनी अवतार धारण किया था। मोहिन अवतार एक खास अवतार है।
मोहनी एकादशी की मान्यता है कि जब समुद्र मंथन के बाद देव और दानवों के बीच विवाद हो गया था तो भगवान विष्णु एक सुंदर नारी का रूप लेकर देवता और दानवों के बीच पहुंच गए थे। उनके उस रूप से मोहित होकर कलश उनको सौप दिया था और भगवान विष्णु ने सारा अमृत देवताओं का पिला दिया था। इससे देवता अमर हो गए ।
जिस दिन भगवान विष्ण मोहिनी का रूप लेकर प्रकट हुए थे उस दिन एकादशी तिथि थी और इसी कारण ये दिन मोहिनी एकादशी तिथि के रूप में जाना जाता है। इस दिन तुलसी के पत्ते को व्रत वाले व्यक्ति को नहीं तोड़ना चाहिए। मोहिनी एकादशी उपाय करने से अपार सुख-संपत्ति, ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति होती है।
ऐसे में आज हम आपको मोहिनी एकादशी के उन खास उपायों के बारें में बता रहे हैं, जिनके संबंध में मान्यता है कि इन्हें अपनाने से आपके जीवन में चल रहे अर्थिक संकट और अन्य परेशानियों से छूटकरा मिल सकता है।
मोहिनी एकादशी के खास उपाय (mohini ekadash ke upay)
: इस उपाय के तहत इस दिन अपनी पूजा के समय एक ताबें के लोटे में जल रख लें और पूजा के बाद उस जल को अपने घर के दरवाजे पर डाल दें। माना जाता है कि ऐसा करने से आपके जीवन के सभी संकट दूर होंगे और मां लक्ष्मी आपसे प्रसन्न होगी।
: एकादशी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। जिसे सभी व्रतों में कठिन माना गया है। मान्यता है कि एकादशी का व्रत जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। इसके साथ ही दांपत्य जीवन और संतान संबंधी परेशानियों को भी दूर करता है। जीवन में आने वाली बाधा और संकटों को भी दूर करने में मोहिनी एकादशी का व्रत श्रेष्ठ फलदायी माना गया है।
: एकादशी के दिन व्यक्ति को अपने मन में बुरे ख्याल या बुरी भावना नहीं लानी चाहिए। वहीं इस दिन शंख की ध्वनि को सुनना बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन अपने घर में शंख की ध्वनि का गुंजन कराएं, जिससे आपके घर की नकारात्मक शक्तियां दूर होंगी और मां लक्ष्मी आपके घर की तरफ आगमन करेंगी।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3ysQR8H
via
No comments