राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी को एमपीएड में नहीं मिली सीट, आरोप खेलकूद का सर्टिफिकेट होने के बाद भी दिया जीरो - Web India Live

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राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी को एमपीएड में नहीं मिली सीट, आरोप खेलकूद का सर्टिफिकेट होने के बाद भी दिया जीरो

भोपाल.उच्च शिक्षा विभाग एनसीटीई के पाठ्यक्रम में भी एडमिशन के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग आयोजित कर रहा है। शारीरिक शिक्षा से संबंधित कोर्स एमपीएड के लिए तैयार मेरिट लिस्ट पर राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी आशा चौधरी ने सवाल खड़े किए हैं। इस खिलाड़ी ने आरोप लगाए हैं कि उसे मिले प्रमाणपत्रों के अंक नहीं दिए गए। दस्तावेजों का सत्यापन कराने और फिजिकल फिटनेस टेस्ट देने के बाद भी उसे सीट आवंटित नहीं की गई। जीरो अंक दिया गया। जबकि उसे मेरिट में पहला स्थान मिलना था।

आशा चौधरी एथेलेटिक्स लांग डिस्टेंस क्रॉस कंट्री रनर हैं। सीनियर नेशनल खिलाड़ी हैं। एथेलेटिक्स लांग डिस्टेंस क्रॉस कंट्री रनर हैं। सीनियर नेशनल स्तर पर खेल चुकी हैं। एनआईएस क्वालिफाइड कोच हैं। लेवल वन क्वालिफाइड कोच हैं। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से बीपीएड की छात्रा हैं। आशा का आरोप है कि उसके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है। इस मामले में एमवीएम में क्रीड़ा अधिकारी डॉ.सीएस धाकड़ से बात की गई तो उनका कहना है कि जिस अधिकारी ने दस्तावेजों का सत्यापन किया है, वहीं से एडमिशन पोर्टल पर अंक दर्ज नहीं हुए होंगे। वहीं इन्होंने संजय बचले से बात कर आपत्ति दर्ज कराई तो उन्होंने दूसरे चरण की काउंसलिंग में शामिल होने का सुझाव दिया है। इसको लेकर छात्रा और उनके बीच हुई चर्चा के ऑडियो वायरल हो रहे हैं।

सीट आवंटन से पहले कॉमन मेरिट लिस्ट जारी करने कोई मतलब नहीं --

उच्च शिक्षा विभाग एनसीटीई के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीट आवंटन से पहले कॉमन मेरिट लिस्ट जारी करता है। लेकिन इसका कोई मतलब नहीं निकल रहा है। छात्रा ने कॉमन मेरिट लिस्ट जारी होते ही आपत्ति दर्ज कराई। लेकिन उसमें सुधार नहीं किया गया । जबकि यह सुधार पहले होता तो उसे भी सीट आवंटित हो सकती थी।

एमपीएड में है 235 सीट --
एमपीएड 8 कॉलेजों सहित यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट में संचालित होता है। इसमें सिर्फ 235 सीट हैं। इसके लिए पहले राउंड में ही करीब 510 विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया। इसमें से लगभग 469 ने च्वॉइस लॉक की और 399 ने सत्यापन कराया। इनमें से 214 को सीट आवंटित की गई। इसमें फीस जमा करने की अंतिम तारीख निकल चुकी है।

वर्जन...
हमारी ओर से कोई खामी नहीं हुई है। इस बार मेरे बेटे ने खुद एमपीएड में एडमिशन लेने के लिए आवेदन किया था। इसलिए मैने इस प्रक्रिया से अपने आपको दूर रखा। एक सीनियर के नाते मैंने मार्गदर्शन जरूर दिया। छात्रा को उसकी योग्यता के अनुसार अंक जरूर दिए गए होंगे। पोर्टल पर अंक दर्ज कैसे नहीं हुए। इसे दिखवाना पड़ेगा। यह हमारा कार्य नहीं था।

- डॉ. सीएस धाकड़, क्रीड़ा अधिकारी, एमवीएम

वर्जन...

अभी हमको इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शिकायत प्राप्त होती है तो इस मामले की जांच कराई जाएगी। छात्रा के साथ अन्याय नहीं होगा।
डॉ.धीरेंद्र शुक्ल, ओएसडी, उच्च शिक्षा



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