Investors Summit: इन्वेस्टर समिट में बोले मुख्यमंत्री, 7-8 हजार लोगों को यहां मिलेगा रोजगार
भोपाल। मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, यहां वेलनेस रिसॉर्ट, होटल आदि में निवेश हो सकता है। किसानों के लिए भी उनके उत्पादों में वैल्यू एडिशन का काम हो सकता है। इन सभी मामलों में मध्यप्रदेश का बालाघाट जिला निवेशकों के लिए आदर्श स्थल है।
यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chauhan) ने बुधवार को कही। वे लान नवेगांव-बालाघाट में इन्वेस्टर समिट के शुभारंभ कार्यक्रम में बोल रहे थे। सीएम भोपाल से इस आयोजन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए थे। चौहान ने इन्वेस्टर समिट को संबोधित करते हुए कहा कि हम रोजगार सृजित कर बालाघाट जिले के 7 से 8 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देंगे। बालाघाट में प्राकृतिक संपदाओं का भण्डार है। बालाघाट को बेरोजगारी मुक्त और रोजगार युक्त बनाने के लिए हमें संभावनाओं का दोहन करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के जरिए 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने के लिए हर संभव योगदान का प्रयास रहेगा। उन्होंने कहा कि यह बालाघाट के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। चौहान ने आव्हान किया कि सभी निवेशक बालाघाट आएं और क्षेत्र के विकास में भागीदार बनें और खुद भी आगे बढ़ें। मैं सभी निवेशकों को आमंत्रित करता हूं। चौहान ने कहा कि वे विश्वास दिलाना चाहते हैं कि सरकार आपको सहयोग करेगी, सुरक्षा देगी और सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
चौहान ने कहा कि मेसर्स रमणीत पॉवर एंड एलआई लिमिटेड जिले में निवेश के लिए अपनी पूंजी लग रही है। मैं उनको धन्यवाद देता हूं। 30 एकड़ जमीन हमने उनको उपलब्ध कराई है। हम बिजली शुल्क और उसके टैरिफ में छूट दे रहे हैं, प्रदूषण नियंत्रण संबंधी वैधता दो साल की जगह 5 साल कर रहे हैं।
बालाघाट के बांस की तारीफ
मुख्यमंत्री ने बालाघाट के बांस की काफी तारीफ की। उन्होंने कहा कि बालाघाट के बांस का तो जवाब ही नहीं है, क्या मोटा बांस होता है कटंगा! अब बांस से अनेक तरह का फर्नीचर बन रहा है। जंगलों में भी बांस है और किसान भी बांस उगा रहे हैं। फर्नीचर निर्माण, अगरबत्ती की काड़ी से लेके अन्य उत्पादन के क्षेत्रों में भी आप कदम बढ़ा सकते हैं।
फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में भी आइए
चौहान ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में कदम बढ़ाने को कहा। उन्होने कहा कि खनिज आधारित इंडस्ट्री लगाइए। बालाघाट में तो कवेलू भी बहुत अच्छा होता है। इसका उपयोग इको फ्रेंडली मकानों में हो सकता है। अगर थोड़ा डिजाइन बदल दिया जाए तो फ्लोर डिजाइनर, फ्लोर टाइल्स और प्री-फैब्रिकेटेड छत का निर्माण फिर से किया जा सकता है।
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