Muharram 2021 guidelines: जानिए मुहर्रम को लेकर किन राज्यों ने जारी की क्या गाइडलाइन... - Web India Live

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Muharram 2021 guidelines: जानिए मुहर्रम को लेकर किन राज्यों ने जारी की क्या गाइडलाइन...

नई दिल्ली। Muharram 2021. कोरोना महामारी के बीच मुहर्रम को लेकर देश के अलग-अलग राज्य सरकारों ने गाइडलाइन जारी कर दी हैं। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए मुहर्रम में ताजिया और जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी गई है। साथ ही धार्मिक जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि सरकारों ने घरों के अंदर ‘ताजिया’ और ‘मजलिस’ स्थापित करने की अनुमति दी है।

Happy Islamic New Year in Hindi 2021. मुहर्रम को लेकर सरकार द्वारी जारी इन गाइडलाइन का मकसद जूलूस में होने वाली भीड़ को कम करना और कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकना है। आइए जानते है मुहर्रम को लेकर किस राज्य ने क्या गाइडलाइन जारी की है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने जारी किए दिशा-निर्देश
मुहर्रम को लेकर यूपी सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक धार्मिक कार्यों के लिए किसी भी स्थान पर 50 से ज्यादा लोग एकत्र नहीं होंगे। साथ ही लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का भी कड़ाई से पालन करना अनिवार्य है। कोरोना महामारी के चलते सार्वजनिक रूप से ताजिया स्थापित नहीं किए जाएंगे। ताजिया अपने-अपने घरों में स्थापित करने पर किसी प्रकार की रोक नहीं रहेगी। इसके अलावा संवेदनशीन एवं कंटेनमेंट जोन में पर्याप्त संख्या में पुलिस की तैनाती की जाएगी।


बिहार में भी जुलूस निकालने पर पाबंदी
बिहार सरकार ने भी कोरोना को ध्यान में रखते हुए मुहर्रम के लिए गाइडलाइन जारी की है। जारी गाइडलाइन के मुताबिक इस बार मुहर्रम पर कोई जूलूस या ताजिया सड़क पर नहीं निकाली जाएगी। वहीं सार्वजनिक रूप से ताजिया व अलम स्थापित करने पर भी रोक रहेगी। हालांकि लोग ताजिया व अलम अपने घरों में स्थापित कर सकते हैं। धार्मिक और संवेदनशील जगहों पर पुलिस बल पर्याप्त संख्या में तैनात किए जाएंगे।

झारखंड सरकार बोली बरतें एहतिहात

झारखंड सरकार ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए बताया है कि कोरोना के संभावित तीसरे लहर के खतरे को देखते हुए इस बार मुहर्रम में अपने-अपने इमामबाड़ा, अखाड़ा में खेल प्रदर्शन नहीं करेंगे। लोग सार्वजनिक स्थान व भीड़ वाले इलाकों में ताजिया व अलम की स्थापना नहीं करेंगे। इसके अलावा ताजिया व जूलूस निकालने पर भी झारखंड सरकार ने रोक लगा दी है।

उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के अलावा देश के कई राज्यों की सरकार ने मुहर्रम को लेकर गाइडलाइन जारी की हैं। ज्यादातर राज्य सरकारों ने इस बार कोरोना के संभावित तीसरी लहर को देखते हुए ताजिया व अलम की सार्वजनिक स्थापना पर रोक लगा दी है।

क्यों मानाया जाता है मुहर्रम

इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक पैगंबर-ए-इस्‍लाम हजरत मुहम्‍मद के नाती हजरत इमाम हुसैन को इसी मुहर्रम के महीने में कर्बला (Battle of Karbala) की जंग (680 ईसवी) में परिवार और दोस्तों के साथ शहीद कर दिया गया था। कर्बला की ये जंग हजरत इमाम हुसैन (Hazrat Imam Hussain) और बादशाह यजीद (Yazid ) की सेना के बीच हुई थी। इस्लामिक मान्यताओं में मुहर्रम के महीने में दसवें दिन ही इस्‍लाम की रक्षा के लिए हजरत इमाम हुसैन ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी। इसे आशूरा भी कहा जाता है, इसीलिए मुहर्रम के दसवें दिन को बहुत खास माना जाता है।

20 को होगी मुहर्रम की छुट्टी

गौरतलब है कि मुहर्रम को लेकर 19 अगस्त का दिन तय किया था, लेकिन केंद्र सरकार जामा मस्जिद के चांद देखने की सूचना पर बताया कि मुहर्रम 20 अगस्त को मनाया जाएगा। इसलिए मुहर्रम की सरकारी छुट्टी 19 अगस्त की जगह 20 अगस्त को होगी। हालांकि कई राज्यों में मुहर्रम की छुट्टी को लेकर असमंजस बना हुआ है। इसी बीच आंध्र प्रदेश सरकार ने भी एक नोटिस जारी कर स्पष्ट किया कि मुहर्रम की छुट्टी 19 अगस्त की जगह 20 अगस्त को होगी। झारखंड सरकार ने भी ऐसा ही आदेश जारी कर दिया है। केरल सहित अन्य राज्यों ने भी ऐसा ही नोटिस जारी किया है।



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