Raksha Bandhan 2021: रक्षा बंधन पर्व पर इन सफल भाई-बहन की जोड़ी, कई ने राजनीति में तो कुछ ने बिजनेस-बॉलिवुड की दुनिया में छोड़ी छाप
नई दिल्ली।
आज रक्षा बंधन का पर्व है। भाई-बहन के प्यार और दुलार का प्रतीक यह पर्व राखी की अटूट डोर से बंधा है। ऐसे कई उदाहरण है, जब भाई-बहन की जोड़ी ने मिलकर इतिहास रचा है, फिर चाहे वह राजनीति का क्षेत्र हो या कारोबार या फिर अभिनय और संगीत का क्षेत्र। आइए जानते हैं आजाद भारत में अब तक की सफल भाई-बहन की जोडिय़ों के बारे में-
जवाहर लाल नेहरू और विजय लक्ष्मी पंडित
आजाद भारत की सबसे प्रभावशाली भाई-बहन की जोड़ी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनकी बहन विजय लक्ष्मी पंडित की थी। दोनों भाई-बहन ने आजादी की लड़ाई में प्रभावी भूमिका निभाई थी। इसके अलावा, आजादी के बाद नए भारत के निर्माण में भी अहम योगदान दिया। जवाहर लाल नेहरू जहां देश के प्रथम प्रधानमंत्री बनें वहीं, उनकी बहन विजय लक्ष्मी कैबिनेट मंत्री का पद संभालने वाली पहली महिला थीं।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा
राजनीति में मौजूदा समय में संभवत: राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सबसे अधिक प्रभावशाली भाई-बहन हैं। अक्सर ये दोनों जब एक साथ कहीं मिलते हैं, तो इनकी केमिस्ट्री अलग ही होती है। वहीं, प्रियंका हमेशा राहुल गांधी के साथ साये की तरह खड़ी दिखाई पड़ती हैं। संकट और चुनौतियों का सामना दोनों मिलकर करते हैं और एकसाथ खड़े नजर आते हैं।
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मीसा भारती और तेजप्रताप व तेजस्वी
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की संतानें मीसा भारती, तेजप्रताप और तेजस्वी की जोड़ी भी प्रभावशाली भाई-बहनों की है। मीसा भारती इन दिनों राज्यसभा सदस्य हैं, जबकि तेजप्रताप और तेजस्वी बिहार विधानसभा में सदस्य। हालांकि, तमाम मतभेदों के बाद भी तेजप्रताप और तेजस्वी के बीच मनभेद कभी सुनाई दिखाई नहीं पड़ता। वहीं, मीसा भारती दोनों भाइयों की ढाल और सलाहकार के तौर पर अक्सर खड़ी दिखती हैं।
एम.के. स्टालिन और एम. के. कनिमोझी
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और उनकी बहन एमके कनिमोझी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत करुणानिधि की संतान हैं। कनिमोझी इन दिनों सांसद हैं और यूपीए सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। कनिमोझी पर 2जी घोटाले में शामिल रहने का आरोप लगा, मगर वर्ष 2018 में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। करुणानिधि की मौत के बाद पार्टी की कमान एमके स्टालिन को मिली।
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वसुंधरा राजे सिंधिया और दिवंगत माधव राव सिंधिया
राजनीति में हमेशा प्रभावी रहा सिंधिया परिवार के सदस्य पूर्व में भले ही अलग-अलग राजनीतिक दलों से जुड़े रहे हों, मगर जब बात साथ खड़े होने की आती, तो एकसाथ दिखाई पड़ते। भाई-बहन के नाते उनका हमेशा मजबूत दिखा। माधव राव सिंधिया और वसुंधरा राजे की जोड़ी हमेशा चर्चा में भी रही। माधव राव जहां कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे, तो बहन वसुंधरा राजे भाजपा की कद्दावर भी नेता हैं। राजनीति में दोनों का अहम रोल रहा, मगर पारिवारिक जीवन पर कभी यह दलगत भावना सामने नहीं आई।
उमर अब्दुल्ला और सारा
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला की संतानें उमर अब्दुल्ला और सारा की भाई-बहन की जोड़ी भी अक्सर में चर्चा में रहती है। उमर जहां 1998 में लोकसभा के सबसे कम उम्र के सांसद बनें, तो सारा कांग्रेस नेता सचिन पायलट की पत्नी हैं और महिलाओं से जुड़े कई संगठनों से प्रमुख तौर से जुड़ी हैं।
आयुष और आंचल पोद्दार
इस भाई-बहन की जोड़ी ने कारोबारी जगत में अलग मुकाम बनाया है। 34 साल के आयुष ने मुंबई यूनिवर्सिटी से एमबीए किया, जबकि उनकी बहन आंचल ने ब्रिटेन के बाथ यूनिवर्सिटी से मार्केटिंग में मास्टर्स की डिग्री ली है। दोनों ने वर्ष 2015 में बचत के पैसों से स्टार्टअप शुरू किया, जिसका नाम था द मेसी कार्नर। यह पर्सनलाइज्ड गिफ्टिंग स्टार्टअप लाइफस्टाइल एक्सेसरीज के लिए मशहूर है। बहुत कम समय में इस जोड़ी ने अपने ब्रांड को मशहूर कर दिया और अब यह सफल ब्रांड के तौर पर गिना जाने लगा है।
फरहान अख्तर और जोया अख्तर
मशहूर गीतकार जावेद अख्तर के बेटे फरहान और बेटी जोया बॉलिवुड से जुड़े हुए हैं। फरहान अभिनेता, लेखक, पटकथा लेखक और निर्माता-निर्देशक के तौर पर मशहूर हैं, तो जोया ने भी कई फिल्मों की कहानी लिखी है। यह भाई-बहन की जोड़ी बॉलिवुड में सफल मानी जाती है।
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