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संस्थान ने कहा-हॉस्टल में साझा करना होगा कमरा, छात्रों ने किया इनकार

भोपाल. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइसर) में भौतिक रूप से कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। कोविड-19 की स्थिति में सुधार होने के बाद इंस्टीट्यूट पहुंचे विद्यार्थियों को पहले अलग-अलग रूम में रहने की सुविधा दी गई। लेकिन अब एक रूम में दो विद्यार्थियों को रहने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इसके खिलाफ बीएसएमएस अंतिम वर्ष के विद्यार्थी रविवार को परिसर में लामबंद हो गए और इंस्टीट्यूट के इस निर्णय को गलत बताया। उनका कहना है कि अभी कोरोना संक्रमण पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में एक रूम में दो लोग रहेंगे तो इससे संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है।

चीफ सेफ्टी ऑफिसर व डीन प्लानिंग डॉ. आशीष श्रीवास्तव और बॉयोलॉजी एसोसिएट डीन डॉ. जीत कालिया भी विद्यार्थियों से बात करने पहुंचे। विद्यार्थियों उन्हें घेरकर बात करने लगे। उनके विद्यार्थिर्यो के बीच हुई लंबी चर्चा का कोई हल नहीं निकला। अब इस संबंध में सोमवार को फिर से चर्चा की जाएगी।

कोविड प्रोटोकॉल का नहीं हो सकेगा पालन
विद्यार्थियों का कहना है इंंस्टीट्यूट द्वारा जब उनसे व अभिभावकों से सहमति ली गई तो उसमें भी इस बात का जिक्र नहीं किया गया कि रूम साझा करना पड़ेगा। कक्षाओं में वे जाते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं। लेकिन हॉस्टल में रूम शेयर करने के कारण वे चाहकर भी कोविड-19 का पालन नहीं कर सकेंगे।

सेकंड ईयर के विद्यार्थी भी आने लगे
आइसर में पांच वर्षीय कोर्स बीएसएमएस के दूसरे वर्ष के विद्यार्थी भी परिसर को ज्वाइन करने लगे हैं। इनसे पहले तीसरे से पांचवे वर्ष के विद्यार्थियों ने भी इंस्टीट्यूट को ज्वॉइन कर लिया है। हॉस्टल में कमरे कम पडऩे लगे हैं। इसलिए विद्यार्थियों को एक रूम में दो विद्यार्थियों को साझा करने को कहा जा रहा है। विद्यार्थियों ने बताया कि तीसरे और चौथे वर्ष के विद्यार्थियों को भी रूम साझा करके रहना पड़ रहा है।

1500 रूम और दो हजार विद्यार्थी
आइसर के रजिस्ट्रार केवी सत्यमूर्ति का कहना है कि पूरा देश खुल रहा है। विद्यार्थियों की भी मांग थी कि इंस्टीट्यूट खोला जाए। जो सुविधाएं हैं उन्हीं के अनुरूप व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी। हॉस्टल में 1500 रूम की क्षमता है। लेकिन विद्यार्थियों की संख्या करीब 500 अधिक है। इसलिए विद्यार्थियों को रूम शेयर करने को कहा है। जो विद्यार्थी ट्रेवल करके बाहर से इंस्टीट्यूट आते हैं उन्हें क्वॉरेंटाइन करने के लिए व्यवस्था बनाकर रखनी होगी।



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