निजी एजेंसी के हवाले किया सबसे बड़ा हाईवे, तेजी से होगा काम
भोपाल. प्रदेश में चंबल एक्सप्रेस-वे यानी अटल प्रोग्रेस-वे को तेजी से बनाने सरकार ने कदमताल शुरू की है। इसके तहत सरकार निजी एजेंसी के जरिए एक्सप्रेस-वे का पूरा डेवलपमेंट मॉडल तैयार करा रही है। एजेंसी आकलन कर बताएगी कि कहां पर टाउनशिप लाई जाए, कहां इंडस्ट्रियल जोन बने और कहां पर अन्य गतिविधियां लाई जाएं।
सरकार इस एक्सप्रेस वे के दोनों ओर औद्योगिक कॉरिडोर बनाना चाहती है। कॉरिडोर राजस्थान और उत्तरप्रदेश से कनेक्ट हो पाएगा। इसमें दिल्ली और उत्तरप्रदेश की कई कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इसलिए सरकार यह बेस प्लान तैयार करा रही है कि इस एक्सप्रेस वे में कहां पर आबादी बसाई जाए और कहां पर औद्योगिक विकास किया जाए।
इसी हिसाब से सरकार जमीन आरक्षित कर बेसिक ढांचा तैयार करेगी। इस कॉरिडोर पर इंटरटेनमेंट जोन, ट्रांसपोर्ट जोन व कनेक्ट स्पॉट, शॉपिंग मॉल्स, बड़े होटल और पर्यटन गतिविधियों को भी प्लान किया जाएगा। सारे स्पॉट निजी एजेंसी वर्कआउट करके देगी, फिर सरकार की टीम निरीक्षण कर क्रियान्यन की स्थिति जांचेगी।
प्राथमिकता का कारण
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद से सरकार की प्राथमिकता में चंबल एक्सप्रेस वे है। वे खुद बार-बार अपडेट लेते हैं। इसके चलते सीएम शिवराज सिंह ने भी इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता पर रखा है। शिवराज ने अफसरों को लक्ष्य बनाकर इस प्रोजेक्ट को तय सीमा में करने के लिए निर्देश दिए हैं।
मंशा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले चंबल एक्सप्रेस वे का पूरा बेस प्रोजेक्ट क्रियान्वित कर दिया जाए। इसी कारण निजी जमीन अधिग्रहण के लिए दिसंबर 2021 का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद अधिग्रहण की बाकी रस्मअदायगी पूरी करके प्रोजेक्ट को शुरू किया जा सकेगा। प्रोजेक्ट के तहत यह एक्सप्रेस वे मप्र में 313 किमी बनना है।
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यह राजस्थान, मध्यप्रदेश और उप्र को जोड़ेगा। यह कॉरिडोर श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले से होकर गुजरेगा। मध्यप्रदेश के इस इलाके के लिए यह सबसे बडा हाइवे होगा. इसमें कुल 3093 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है, जिसमें से 1300 हेक्टेयर निजी जमीन दिसंबर तक अधिग्रहित करने का लक्ष्य रखा गया है।
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