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बिजली का बिल कम करने में यह उपाय असरदार, आप भी आज से आजमाएं जरूर

देवेंद्र शर्मा
भोपाल. बिजली का बिल कम करने में एक उपाय काफी असरदार साबित हो रहा है, यह बात हम नहीं कह रहे हैं, खुद आंकड़ों ने सिद्ध कर दिया है। इससे आपके घर में बिजली की खपत तो कम होगी ही सही, साथ ही बिजली का बिल भी पहले की अपेक्षा कम आएगा, आश्चर्य की बात तो यह है, कि इस टेक्निक का उपयोग करने से आपके घर में उजाला भी पहले से अधिक होगा।


उर्जा विभाग के अध्यन से हुआ साफ


कोयला संकट से बिजली कटौती की आशंका भले ही बनी हुई हो, लेकिन बीते पांच साल में एलइडी से हर घर को रोशन करने की कोशिश अब रंग ला रही है। भोपाल में ही 95 फीसदी घरों में अब एलइडी बल्ब हैं। इससे बिजली की बचत के साथ ही लोगों की जेब पर भार कम हुआ है। ऊर्जा विभाग के अध्ययन के अनुसार एलइडी उपयोग से भोपाल में हर घर बिजली का खर्च सालाना 200 यूनिट औसतन घटा है। 2012 में जहां औसतन 400 यूनिट तक खपत का आंकड़ा था, अब वह 150 से 200 यूनिट के भीतर है।


111 घंटे में एक यूनिट होती है बिजली खर्च


बीते दस साल में भोपाल में करीब डेढ़ लाख बिजली उपभोक्ता बढ़े, लेकिन महज 133 यूनिट खपत के अनुसार यहां यूनिट खर्च दो करोड़ ही बढ़ा है। यह एलइडी के बढ़ते उपयोग की वजह से ही हुआ है। गौरतलब है कि 2016 में शासन ने सीएफएल और फिर एलइडी हर घर में लगाने अभियान शुरू किया था। इसका उद्देश्य घरों में बिजली खपत को कम करना था। पुराना बल्ब 60 से 100 वॉट का था और 10 से 12 घंटे में ही एक यूनिट बिजली खपत कर देता था। इसके उलट नौ वॉट का एलइडी उतनी ही रोशनी देकर 111 घंटे में एक यूनिट बिजली खर्च कर रहा है। यानि दस गुना तक बिजली बचत हो रही है। एलइडी की खासियत यह है कि रोशनी यह सीएफएल व अन्य दूसरे बल्बों की तरह ही देता है, लेकिन बिजली कम खर्च होती है। भोपाल में इस समय करीब पांच लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता है।

-2012 में भोपाल में साढ़े तीन लाख उपभोक्ता 17 करोड़ यूनिट से अधिक प्रतिमाह खर्च करते थे, नौ साल बाद ये महज 20 करोड़ तक पहुंचा।
-2021 में ये खपत 20 से 21 करोड़ यूनिट प्रतिमाह के बीच है।

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ऐसे समझें बिजली की खपत
-100 वाट का एक बल्ब 10 घंटे में एक यूनिट बिजली खाता है।
-15 वाट का सीएफएल 66.5 घंटे में एक यूनिट बिजली खाता है।
-09 वाट का एलईडी बल्ब 111 घंटे में एक यूनिट बिजली खाता है।

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एलईडी नहीं लगती तो 30 फीसदी अधिक होता
बिजली की बचत बेहद जरूरी है। आपके यहां बचने वाली बिजली किसी दूसरे के घर को रोशन कर सकती है। भोपाल में बिजली भार 250 से ३00 मेगावाट रहता है, यदि घरों में एलइडी नहीं लगती तो ये ३0 फीसदी तक अधिक होता।
-वीकेएस परिहार, जीएम, बिजली पावर मैनेजमेंट कंपनी



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