पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा के इंदौर-भोपाल बंगले पर सीबीआई ने की तलाशी, अहम दस्तावेज बरामद
भोपाल। प्रदेश में इंदौर समेत अन्य कई शहरों में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में कार्यरत मेसर्स पटवा ऑटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड और उसके डायरेक्टर्स के खिलाफ सीबीआई ने गुरुवार को एफआइआर दर्ज की है। इसके बाद सीबीआई की टीम ने पटवा के इंदौर और भोपाल स्थित मकानों पर छापेमारी भी की। सीबीआई की टीम को अहम दस्तावेज भी मिले हैं।
गौरतलब है कि सुरेंद्र पटवा शिवराज सरकार में पर्यटन मंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में रायसेन जिले की भोजपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री स्व. सुंदरलाल पटवा के दत्तक पुत्र भी हैं। बैंक का लोन नहीं चुकाने के मामले में सुरेंद्र पटवा बिलफुल डिफाल्टर (wilful defaulter) घोषित किए गए थे और चैक बाउंस मामले में उन्हें सजा भी हो चुकी है।
बैंक आफ बड़ौदा के इंदौर रीजन के डिप्टी जनरल मैनेजर राजेश डी शर्मा ने बीते 21 सितंबर को सीबीआइ से शिकायत की थी कि पटवा ऑटोमोटिव और उसके डायरेक्टर पूर्व मंत्री और मौजूदा भोजपुर विधायक सुरेंद्र पटवा व उनकी पत्नी मोनिका पटवा ने बैंक से लिया, लेकिन चुकाया नहीं।
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बैंक प्रबंधन को बताए बिना ये राशि अन्य बैंकों के खाते में ट्रांसफर की गई। बैंक की ओर से की गई शिकायत में कहा गया है कि कंपनी के डायरेक्टर्स ने 2014 से 2017 के बीच धोखाधड़ी को अंजाम दिया। इन्होंने आइडीबीआई बैंक से लिए गए लोन के अलावा बैंक आफ बड़ौदा (बीओबी) की इंडस्ट्रियल स्टेट ब्रांच, इंदौर से 36 करोड़ रुपए लिए थे। बीओबी का यह खाता मई 2017 में एनपीए घोषित कर दिया गया। पूरे मामले की जांच के बाद सीबीआइ ने 29.41 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में पटवा आटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड और डायरेक्टर सुरेंद्र पटवा, मोनिका पटवा के खिलाफ केस दर्ज किया है।
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कंपनी का नाम भी
बैंक ने कार्रवाई आगे बढ़ाई तो पता चला कि कंपनी का नाम मेसर्स पटवा ऑटोमोटिव से बदलकर मेसर्स भगवती पटवा ऑटोमोटिव कर दिया गया है, जिसकी अनुमति नहीं ली गई थी।
कंपनी का नाम भी नियम विरुद्ध बदला
बैंक की ओर से की गई शिकायत में कहा गया है कि पटवा ऑटोमोटिव कंपनी का इंदौर के अलावा मंदसौर, रतलाम, नीमच समेत अन्य शहरों में भी कारोबार है। कंपनी वर्ष 1977 में बनी थी। ग्वालियर में पंजीकृत है।
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चैक बाउंस मामले में छह माह की सजा
इससे पहले भाजपा विधायक सुरेंद्र पटवा को छह माह की सजा सुनाई जा चुकी है। कोर्ट ने यह फैसला चेक बाउंस के दो मामलों में दिया था। न्यायालय ने चेक राशि का डेढ़ गुना प्रतिपूर्ति के तौर पर चुकाने का भई आदेश पटवा को दिया था। हालांकि पटवा 25-25 हजार के निजी मुचलके पर जमानत पर हैं।
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