पश्चिम बंगाल में 16 नवंबर से स्कूल खोलने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती, दाखिल की गई जनहित याचिका
नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कहर के बाद देशभर में कोरोना मामलों से राहत देखने को मिल रही है। इसके चलते अब राज्य कोरोना नियमों में ढील भी दे रहे हैं। इसी क्रम में कई राज्यों ने करीब डेढ़ साल से बंद स्कूल और कॉलेजों को एक बार फिर से खोलने का ऐलान कर दिया है, जबकि कई राज्यों में तो स्कूल खोल भी दिए गए हैं। इसके चलते ही पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने भी राज्य के सभी स्कूल और कॉलेजों को 16 नवंबर से खोलने का ऐलान किया था , लेकिन अब राज्य सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
दरअसल, कलकत्ता उच्च न्यायालय में सोमवार को दायर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में राज्य के शैक्षिक संस्थानों को 16 नवंबर से फिर से खोलने के पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा बोर्ड के फैसले को ‘अवैज्ञानिक’ करार दिया गया है। इसके साथ ही कोरोना की स्थिति को लेकर समीक्षा करने और राज्य सरकार को मामले में आवश्यक सिफारिशें प्रदान करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का अनुरोध किया गया है।
स्कूलों में कोरोना फैलने का खतरा
बता दें कि याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में टीकाकरण के आंकड़ों का भी जिक्र कर विचार करने का अनुरोध किया। याचिकाकर्ता का कहना है कि अभी 18 वर्ष तक की आयु तक के छात्रों को अभी तक टीका नहीं लगाया गया है, और भौतिक मौजूदगी में कक्षाएं शुरू होने से केवल कोरोना फैलने का खतरा बढ़ेगा। इस दौरान कई राज्यों के स्कूलों में मिले कोरोना मामलों का जिक्र भी किया गया।
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गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 29 अक्टूबर को नौवीं से बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए 16 नवंबर से स्कूलों को फिर से खोलने के लिए एक अधिसूचना जारी की थी। इस दौरान कोरोना नियमों का पालन करने के लिए कुछ जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए गए थे, जिससे कोरोना फैसले का खतरा कम हो। जानकारी के मुताबिक कोर्ट जल्द ही इस मामले में सुनवाई करेगा।
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