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स्कूलों ने बताई बच्चों की फीस, 40 प्रतिशत स्कूल बताने को नहीं तैयार

भोपाल. निजी विद्यालयों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे वसूली गई फीस की राशि की जानकारी दें, कोर्ट के निर्देश के बाद करीब 60 प्रतिशत विद्यालयों ने इस बात की जानकारी दी है, लेकिन 40 प्रतिशत विद्यालय अभी भी ऐसे हैं, जिन्होंने अभी भी साल 2020-21 में वसूली गई फीस की जानकारी नहीं दी है।


सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद भी अधिकारी किस तरह से चीजों को टाल देते हैं, इसका बड़ा नमूना निजी स्कूलों की ओर से वसूली गई फीस की जानकारी देने का मुद्दा है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय समय सीमा बढ़ाए जाने के बावजूद स्कूल शिक्षा विभाग निजी स्कूलों से फीस की जानकारी नहीं ले पाया है। आदेश के तीन महीने बाद भी 40 फीसदी स्कूलों ने फीस की जानकारी नहीं दी है।


अभी तक मात्र 58 फीसदी ने दी जानकारी
कोर्ट के आदेश के अनुसार पहले दो सप्ताह, फिर छह सप्ताह की समय सीमा बीतने के बाद भी एक महीना बीतने को है। लेकिन अब तक मात्र 58 फीसदी स्कूलों ने ही जानकारी दी है। 19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया, सत्र 2020-21 में वसूली गई फीस की जानकारी सरकार को देने के निर्देश दिए थे। इस जानकारी को स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल पर चढ़ाया जाना था। इसके लिए तीन सितम्बर तक अर्थात दो सप्ताह का समय दिया गया। इसके बाद अगले एक महीने में अभिभावकों को फीस की डिटेल देखकर कोई आपत्ति होने पर कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला फीस कमेटी को शिकायत करने की व्यवस्था की थी। कमेटी शिकायत मिलने के चार सप्ताह में इसका निदान करना था। इसके बाद एक बार सरकार ने छह सप्ताह का समय मांगा जोकि 18 अक्टूबर को खत्म हो चुका है।

हमने 42 स्कूलों की सूची कोर्ट में दी है, जिसमें बताया कि स्कूलों द्वारा शिक्षण शुल्क के अलावा अन्य फीस भी वसूली गई। यह जानकारी स्वयं स्कूलों द्वारा पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई। लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग और अधिकारी सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का पालन नहीं करा पा रहे हैं। एक भी स्कूल पर कार्रवाई नहीं की गई। यह सीधे तौर पर सार्वोच्च न्यायालय की अवमानना है।
-प्रबोध पंड्या, महामंत्री, पालक महासंघ


फीस की जानकारी नहीं देने वाले स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं। स्कूलों की ओर से अभी जबाव नहीं मिला है। जबाव मिलने पर अध्ययन करके निर्णय लेंगे। नहीं देने वालों पर जल्द ही कठोर कार्रवाई की जाएगी।
-नितिन सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी



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