नहीं लगेंगी ऑनलाइन क्लास, सभी बच्चों को स्कूल आना होगा
ज्यादातर अभिभावकों ने ऑनलाइन क्लास जारी रखने के पक्ष में दिया था मत
दीपावली के बाद सबको स्कूल आने का दे दिया आदेश, परिजनों ने प्राचार्य से की मुलाकात
भोपाल. सरकार की ओर से प्राथमिक शालाएं 50 फीसदी उपस्थिति के साथ खोलने की अनुमति देते हुए खोलने के निर्देश दिए गए हैं। बच्चों को अभिभावकों की सहमति से ही स्कूल बुलाया जाना भी तय है। लेकिन कैंपियन स्कूल ने अभिवावकों की सहमति के बिना ऑनलाइन क्लास बन्द करके सभी विद्यार्थियों को स्कूल आना अनिवार्य करने का निर्णय ले लिया। इसके विरोध में अभिभावक भी लामबंद हो गए। बड़ी संख्या में अभिभावकों ने गुरुवार को स्कूल पहुंचकर विरोध दर्ज कराया। परिजनों के इस तेवर के बाद स्कूल प्रबंधन ने फिर से विचार करने की बात कही हैं।
नहीं दी थी सहमति
कैम्पियन स्कूल ने अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर स्वीकृति मांगी थी, लेकिन बड़ी संख्या में अभिभावकों ने सहमति नहीं दी। वे बच्चों की ऑनलाइन क्लास ही जारी रखना चाहते थे। इसके बावजूद स्कूल ने ऑनलाइन क्लास बंद करने का निर्णय लेते हुए सभी को स्कूल आना अनिवार्य करने के निर्देश दे दिए। अभिभावकों ने इसका कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
प्राचार्य से की शिकायत
50 फीसदी की जगह इसके बाद अभिभावक स्कूल पहुंच गए, उन्होंने प्राचार्य एथनस लकरा से मुलाकात की। कई अभिभावकों ने इसे पूरी फीस लेने की कोशिश बताया और कहा कि बच्चों की सुरक्षा को ताक पर रखा जा रहा है। अभिभावकों का कहना था कि सरकार के आदेश के अनुसार ऑनलाइन कक्षा का विकल्प नहीं छीना जा सकता, इसे स्कूल को चालू रखना चाहिए।
प्राथमिक कक्षाओं में 50 फीसदी विद्यार्थियों को ही बुलाया जा सकता है। अभिभावकों की सहमति से ही विद्यार्थियों को स्कूल बुलाया जाना चाहिए, किसी तरह का दबाव नहीं बनाया जा सकता। ऑनलाइन क्लास का विकल्प भी जारी रखना है। प्रत्येक स्कूल को इसका पालन करनाचाहिए।
राजीव तोमर, संयुक्त संचालक
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