जेल में बंदी को मिला था लैपटॉप और इंटरनेट, वहीं से करता था लोगों के साथ ठगी
भोपाल। उज्जैन स्थित भैरवगढ़ केंद्रीय जेल में धोखाधड़ी के मामले में 2018 से बंद बीड (महाराष्ट्र) निवासी अमर अग्रवाल (28) द्वारा जेल से इंटरनेट का उपयोग करने का खुलासा हुआ है। राज्य साइबर सेल की जांच में ये बात सामने आई है। मामले का पता तब चला जब बंदी अमर अग्रवाल ने जेल प्रबंधन पर साइबर हैकिंग के जरिए राशि की मांग करने का आरोप लगाते हुए खुद को किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने का आवेदन कोर्ट समेत डीजीपी और जेल डीजी को दिया था।
इसके बाद अमर को 30 अक्टूबर को भोपाल केंद्रीय जेल ट्रांसफर किया था। जेल प्रशासन के अधिकारियों समेत प्रहरियों की इस मामले में संलिप्तता को देखते हुए जेल मुख्यालय ने इस केस को राज्य साइबर सेल को सौंपा था। सेल ने एफआइआर दर्ज कर जांच के लिए एसपी रियाज इकबाल की अगुआई में एसआइटी गठित की थी।
जेल मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक बंदी अमर जिस केस में उज्जैन जेल में बंद था, उसमें जमानत हो चुकी है, पर इस केस में आरोपी को तकरीबन सात लाख रुपए बतौर बॉन्ड जमा करना है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय जेल उज्जैन द्वारा कराई गई आंतरिक जांच में सामने आया था कि अमर को हैकिंग के लिए कैबिन मुहैया कराया जाता था। रोजाना सुबह 11 से शाम सात बजे तक वह लैपटॉप और इंटरनेट डोंगल के जरिये व्यस्त रहता था।
राज्य साइबर सेल के एसपी रियाज इकबाल के अनुसार अभी तक की जांच में सामने आया है कि उज्जैन केंद्रीय जेल से इंटरनेट का उपयोग किया गया है। मामले में बैंक खातों के साथ ही अन्य तकनीकी पहलुओं पर जांच जारी है।
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