ऑपरेशन में जरा सी चूक मरीज के लिए हो सकती जानलेवा, इसलिए अब ऑपरेशन की होगी रिहर्सल
भोपाल। दिल, दिमाग या शरीर के कई अंदखनी अंग ऐसे होते हैं, जिनका ऑपरेशन सबसे जटिल होता है। इनमें चिकित्सक के पास दूसरा मौका नहीं होता, क्योंकि जरा सी चूक मरीज के लिए जानलेवा हो सकती है। लेकिन, अब डॉक्टर जटिल ऑपरेशन से पहले वर्चुअल ऑपरेशन कर स्थिति समझ सकेंगे। यह एक तरह से ऑपरेशन की रिहर्सल होगी, ताकि असल में कोई चूक न हो। गांधी मेडिकल कॉलेज सहित इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर मेडिकल कॉलेजों में वर्चुअल क्लासेस की शुरुआत की जाएगी।
ऐसा होता है वर्चुअल प्रोग्राम
दरअसल यह मोबाइल गेम की तरह ही एक प्रोग्राम है। इसमें शरीर की तमाम अंगों की जानकारी एक सॉफ्टवेयर में होती है। इसमें शरीर स्क्रीन पर थी डी तकनीक में 360 डिग्री से देख सकते हैं। यह टेबल और स्क्रीन दोनों प्रकार में उपलब्ध है। व्यक्ति टच कर स्क्रीन पर इन्हें जूम कर यहां-वहां धुनाकर भी देख सकता है। वर्चुअली कट लगाकर पोस्टमार्टम व सर्जरी कर सकते हैं।
ये फायदे होंगे
- स्क्रीन पर होने से अंदरूनी अंगों को जितना चाहे उतना बड़ा कर देखा जा सकता है।
- एक ही प्रक्रिया को कई बार दोहराया जा सकता है।
- शवों की जरूरत कम होने से उनके रख-रखाव की समया भी कम होगी।
- कोरोना काल में छात्रों को क्लास में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी। जटिल ऑपरेशन के पहले टीम अभ्यास कर सकेगी।
विश्वास सारंग, चिकित्सा शिक्षा मंत्री का कहना है कि वर्चुअल मशीनें लगाने के लिए प्रक्रिया शुरू हुई है। अभी चार मेडिकल कॉलेजों में इन्हें इंस्टॉल किया जाएगा। आधुनिक |कों के आधार पर कॉलेजों में पढ़ाई के लिए लगातार व्यवस्थाए करने का प्रयास कर रहे है।
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