प्रसंगवश : कोरोना को दावत देने वाले काम क्यों कर रही सरकार - Web India Live

Breaking News

प्रसंगवश : कोरोना को दावत देने वाले काम क्यों कर रही सरकार

नई दिल्ली। राजस्थान में कोरोना संक्रमण एक बार फिर असर दिखाने लगा है। शुक्रवार को ही राज्य में 77 दिन बाद 17 और जयपुर जिले में ढाई महीने बाद 10 नए मामले मिले थे। इसके बाद कोरोना के नए मामले आने का सिलसिला लगातार बना हुआ है। साफ है कि कोरोना संकट की ओर से आंखें मूंद लेने का समय अभी नहीं आया है।

गृह विभाग की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुसार, सोमवार से स्कूल-कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थानों को 100 प्रतिशत क्षमता से संचालन की अनुमति दिए जाने ने चिंता और बढ़ा दी है। हाल ही शादियों में भी मेहमानों की संख्या से प्रतिबंध पूरी तरह से हटा दिया गया है।

यह भी पढ़ेँः कोरोना ने फिर बढ़ाई चिंता, वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले 40 फीसदी मरीज

जाहिर है मौजूदा सीजन में राज्य में होने वाले लाखों विवाह समारोहों में मेहमानों की संख्या की कोई बाध्यता नहीं रहेगी। ये तमाम कारण निश्चित तौर पर राज्य में कोरोना संक्रमण को तेजी से बढ़ाने की वजह साबित हो सकते हैं।

दूसरी लहर के बाद सरकार की यह दोहरी नीति उसकी लापरवाही को इंगित कर रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं लगातार अपील कर रहे हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए। पर तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है।

राज्य में पिछले दिनों पंचायत चुनाव के साथ ही विधानसभा की दो सीटों वल्लभनगर और धरियावद में उपचुनाव भी हम सबने देखे हैं, जिनमें कोरोना प्रोटोकॉल की पालना पूरी तरह से नहीं हो पाई।

हैरानी तब हुई जब 17 नवंबर को भारत-न्यूजीलैंड अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट मैच के लिए सरकार ने दिल खोलकर अनुमति दे दी। क्रिकेट मैच के आयोजन से संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है। जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में मैच के दौरान 30 हजार दर्शक शामिल होंगे।

नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना के दंश ने राज्य ही नहीं, पूरे देश की अर्थव्यवस्था को चौपट करके रख दिया। अब बड़ी मुश्किल से अर्थव्यवस्था पटरी पर आने लगी है। संक्रमण बढऩे पर आर्थिक गतिविधियां फिर से बाधित होने की आशंका है।

यह भी पढ़ेँः Coronavirus In Delhi: पाबंदियों में ढील पड़ रही भारी, दो दिन में बढ़े कोविड केस, 20 इलाके सील

इसका असर व्यवसाय, थोक व खुदरा विक्रेताओं सहित आमजन पर भी पड़ेगा। राज्य के कारोबारियों का कहना है कि अब भी समय है कि सरकार चेत जाए और कोरोना प्रोटोकॉल में एेसी कोई शिथिलता न दे, जिसका आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े। अन्यथा कोरोना महामारी के कारण पहले से ही बेरोजगारी और महंगाई की मार से त्रस्त जनता की मुसीबतें और बढ़ जाएंगी। (सं.कौ.)



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/30DmEHI

No comments