मोदी के कार्यक्रम में १ करोड लोग जुडेंगे, शिवराज बोले- हर जिले में बनाओ कंट्रोल रूम - Web India Live

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मोदी के कार्यक्रम में १ करोड लोग जुडेंगे, शिवराज बोले- हर जिले में बनाओ कंट्रोल रूम


भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंद्रह नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पर होने वाले महासम्मेलन की तैयारी को लेकर सोमवार को कलेक्टर-कमिश्नर से वचुर्अल संवाद किया। इस कार्यक्रमक को मेगा शो की तरह किया जाएगा। इसमें दो लाख जनजातीय वर्ग के लोग शिरकत करेंगे, जबकि एक करोड लोग विभिन्न माध्यमों से वचुर्अली जुडेंगेे। इसकी समीक्षा के तहत राज्य मंत्रालय से वचुर्अल संवाद में शिवराज ने कहा कि हर जिले में कार्यक्रम के लिए कंट्रोल रूम बने और किसी को यहां लाने ले जाने में दिक्कत न हो।
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मोदी के दो कार्यक्रम-
पीएम नरेंद्र मोदी के पंद्रह नवंबर को भोपाल में दो कार्यक्रम रहेंगे। इसमें जंबूरी मैदान पर जनजातीय गौरव दिवस और पीपीपी मॉडल पर बने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का लोकार्पण शामिल है। कोरोना काल के बाद प्रदेश का यह पहला इतना बड़ा कार्यक्रम है। इसमें मोदी के सामने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का पूरा रोडमैप व अब तक के कदम भी बताए जाएंगे। जनजातीय कार्यक्रम दोपहर 12 बजे होगा। यहां राज्य सिकलसेल उन्मूलन मिशन और राशन आपके द्वार योजना का शुभारंभ भी होगा। पीवीटीजी शिक्षकों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए जाएंगे और तथा कोविड-19 पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी होगा।
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सत्ता-संगठन ने झौंकी ताकत-
पीएम के कार्यक्रम के लिए सत्ता-संगठन ने ताकत झौक दी है। भाजपा इसे कार्यकर्ताओं को विभिन्न जिलों में लाइव दिखाएगी। वही सरकार के स्तर पर विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को इस कार्यक्रम से जोडा जाएगा। कार्यक्रम में विभिन्न जनजातियों के लगभग 2 लाख व्यक्ति सहभागिता करेंगे। वेबकॉस्ट के माध्यम से लगभग एक करोड़ जनजाति के लोगों को कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। जनजतीय समूहों की प्रदर्शन और विभिन्न कदमों की जानकारी के स्टॉल भी लगेंगे।
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राज्य स्तर सहित प्रत्येक जिले में बनेगा कंट्रोल रूम-
शिवराज ने कलेक्टर्स को कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से आने वाले व्यक्तियों के लिए व्यवस्थित तथा सुरक्षित परिवहन, भोजन और आवास व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम के साथ प्रत्येक जिले में कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए और बसों के आवागमन के संबंध में कंट्रोल रूम निरंतर परस्पर सम्पर्क में रहें। प्रत्येक बस की जिम्मेदारी एक प्रशासकीय अधिकारी-कर्मचारी और एक जन-प्रतिनिधि को दी जाए। जिला स्तर पर भी समन्वयक नियुक्त कर जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए।
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