दुनिया से विदा हुआ पाकिस्तानी परमाणु बम का जनक, भोपाल से था गहरा नाता
भोपाल। जब भी सरहद पर तनाव बढ़ता है, पाकिस्तान भारत को एटम बम और परमाणु बम की धमकी देने लगता है, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि पाकिस्तान को एटम बम देने वाला यह बदनाम शख्स कौन है। इसी ने उत्तर कोरिया को भी परमाणु बम बनाने की तकनीक बेची थी। इसे 'इस्लामी बम' बनाने का गॉडफादर भी माना जाता है।
पाकिस्तान को परमाणु बम देने वाले इस शख्स का नाम है- अब्दुल कादिर खान ( Abdul Qadeer Khan ) है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से नाता इसलिए भी है कि यह भोपाल में पैदा हुआ था। यहीं पर खेला और पला-बढ़ा, लेकिन पाकिस्तान के लिए एटम बम बनाया, जिसके दम पर पाकिस्तान आज हिन्दुस्तान को धमकी देता है। इसे दुनिया का सबसे खतरनाक व्यक्ति माना जाता था।
अब्दुल कादिर
- कई देशों के लोग अब्दुल कादिर को इस्लामी बम का गॉडफादर कहते हैं।
- अब्दुल कादिर ने 2004 में स्वीकार किया था उसने परमाणु बम बनाने की तकनीक उत्तर कोरिया को बेची थी।
- विशेषज्ञों के मुताबिक कादिर खान की बदौलत ही उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण कर पाया था। इसलिए उत्तर कोरिया अपने आप को पाकिस्तान का कर्जदार मानता है।
- उत्तर कोरिया में हुए हाइड्रोजन बम परीक्षण के बाद पाकिस्तान का न्यूक्लियर साइंटिस्ट अब्दुल कादिर खान चर्चाओं में आ गया था।
- कादिर पर 14 साल पहले भी आरोप लगे थे कि उसने परमाणु बम बनाने की तकनीक उत्तर कोरिया को बेची है। इसके बाद अमेरिका ने कादिर पर नजर रखी थी।
परमाणु बम का बड़ा बिजनेसमैन
- भोपाल में 1 अप्रैल 1936 को पैदा हुआ अब्दुल कादिर परमाणु बम का बड़ा व्यापारी बन गया था।
- कादीर भोपाल के सरकारी स्कूल में पढ़ा। बाद में वह अपने माता-पिता के साथ पाकिस्तान के कराची पहुंच गया।
- कराची में जहां कॉलेज की पढ़ाई हासिल की और विदेश चले गया। कादिर ने जर्मनी समेत यूरोप के कुछ देशों में पढ़ाई की। कादिर ने शादी भी जर्मनी की महिला से की थी।
- पाकिस्तान से अमेरिका कई बार अब्दुल कदीर खान को सौंपने की मांग कर चुका है, लेकिन अमेरिका की मंशा पूरी नहीं हो पाई। विदेश की एक मैग्जीन ने तो उन्हें परमाणु बम का बड़ा व्यापारी तक बता दिया था।
डा. कलाम को कहता था मामूली व्यक्ति
भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति दिवंगत डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के संबंध मेंकादिर कता था कि वे एक सादगी पसंद और मामूली वैज्ञानिक थे। डॉ. अब्दुल कलाम के निधन के मौके पर कादिर ने एक रिपोर्टर से कहा था कि उन्हें यह तक नहीं पता कि डॉ. कलाम ने कोई बड़ा काम भी किया हो।
ऐसे बना एटम बम का जनक
1971 का दौर था, जब हिन्दुस्तान और पाकिस्तान में युद्ध के हालात थे। तब पाकिस्तान परमाणु पथियार बनाने में अब्दुल कादिर जुट गया था। कादिर ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फीकार अली भुट्टो को एटम बम बनाने के बारे में पत्र लिखा था। जब चिट्टी पहुंची तो भोपाल में जन्मे इस शख्स के बारे में कोई नहीं जानता था। तत्कालीन प्रधानमंत्री ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को डा. अब्दुल कादिर खान का पूरा अता-पता करने को सौंपा गया। उसके बाद ISI (आईएसआई) ने उन्हें अयोग्य बताया था। हालांकि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इस शख्स से काफी प्रभावित हो चुके थे। उन्होंने कादिर की ज्यादा से ज्यादा जानकारी एकत्र करने के लिए पाकिस्तान के एटोमिक एनर्जी कमीशन को जवाबदारी दी गई। एक जांच दल खान से मिला और पीएम को रिपोर्ट सौंपी। इसी के बाद प्रधानमंत्री ने डा. अब्दुल कादिर से मुलाकात की। आज पाकिस्तान जिस एटम बम की बदौलत दुनिया को आंखें दिखाता है, वो इसी बदनाम साइंटिस्ट की बदौलत दिखाता है। हाल ही में अब्दुल कादिर खान का पाकिस्तान में निधन हो गया।
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