Chandra Grahan 2021: करीब 6 सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण जारी, क्या हम भारत में भी देख सकेंगे 'Blood Moon'?
नई दिल्ली। साल 2021 का अंतिम चंद्र ग्रहण ( Lunar Eclipse 2021 ) आज 19 नवंबर को शुक्र के स्वामित्व वाली वृष राशि में लगने जा रहा है। इस चंद्र ग्रहण ( Chandra Grahan 2021 )के अंतिम चरणों को पूर्वोत्तर भारत के लोग देख सकेंगे। दरअसल ये 580 साल में सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण है।
आंशिक चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आती है, लेकिन एक पूर्ण रेखा में नहीं होती है। चंद्रमा का एक छोटा सा हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढंक जाता है और हम एक हल्का लाल चंद्रमा देख सकते हैं, लेकिन एक पूर्ण रक्त चंद्रमा नहीं।
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पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान ब्लड मून होता है। चंद्रमा के लाल होने के कारण इसे यह नाम मिला। रंग में यह परिवर्तन इस कारण होता है कि सूर्य का प्रकाश चंद्रमा पर पहुंचने से पहले पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरता है।
जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरता है, तो विभिन्न रंग (VIBGYOR) बिखर जाते हैं और उच्च तरंगदैर्घ्य वाला लाल प्रकाश संचारित होता है और यह चंद्रमा से टकराकर इसे लाल-नारंगी चमक देता है।हालांकि ये ग्रहण भारत में प्रभावी नहीं है क्योंकि ये दिन के वक्त लग रहा है इस कारण ये भारत में नजर नहीं आ रहा है।
आज का चंद्रग्रहण भारत में उपच्छाया ग्रहण
उपच्छाया चंद्रग्रहण में चांद का कुछ हिस्सा मटमैला हो जाता है, दरअसल इसमें मात्र पृथ्वी की हल्की सी छाया पड़ती है, जिस कारण चांद हल्का सा धूमिल सा दिखाई पड़ता है।
ज्योतिष में उपच्छाया चंद्रग्रहण को ग्रहण नहीं माना जाता है। इस वजह से ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा।
लॉस एंजिल्स में ग्रिफिथ वेधशाला के निदेशक एड क्रुप ने द न्यू यॉर्क टाइम्स को बताया कि सदियों से, पृथ्वी की छाया में आने वाला लाल रंग खतरे से जुड़ा हुआ है, ' जो एक कपड़े की तरह धागे में पिरोया हुआ है।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर की संस्कृतियों ने ग्रहण के लिए सूर्य या चंद्रमा को खाने वाले मांसाहारी जीव को जिम्मेदार ठहराया है।
आप किसी भी संस्कृति में जा सकते हैं और आप पाएंगे कि ग्रहण वास्तव में बुरी खबर है, चाहे वह सूर्य हो या चंद्रमा।
कौन देख सकता है आज का ग्रहण?
आंशिक चंद्र ग्रहण उत्तरी अमरीका, दक्षिण अमरीका, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत क्षेत्र से दिखाई देगा। मौसम के मुताबिक देश के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश और असम के एक छोटे से हिस्से में आंशिक ग्रहण का अनुभव होगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के लोग ग्रहण के अंतिम भाग को देख सकते हैं।
ग्रहण का समय
चंद्र ग्रहण भारतीय मानक समयानुसार दोपहर 12.48 बजे से शुरू होगा और भारतीय समयानुसार शाम 4:17 बजे तक चलेगा। चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट और 24 सेकंड होगी, जो पिछले 500 सालों में सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण होगा।
कैसे देख सकते हैं ग्रहण?
वैसे, लोवेल ऑब्जर्वेटरी (Lowell Observatory) के यूट्यूब चैनल और timeanddate.com पर ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग देखी जा सकती है। चंद्र ग्रहण को देखने के लिए टेलीस्कोप या फिर बाइनोकुलर्स की जरूरत नहीं पड़ती है। आप जहां से भी चांद को देखते हैं, वहां से ग्रहण को भी देख सकते हैं।
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580 साल बाद हो रहा ऐसा
खगोलविदों का कहना है कि इस आंशिक चंद्र ग्रहण की अवधि बहुत लंबी होगी और संयोगवश ऐसा तकरीबन 580 साल बाद होने जा रहा है।
रिपोर्ट्स की मानें तो इससे पहले इतनी लंबी अवधि का चंद्र ग्रहण 18 फरवरी 1440 को लगा था।
अब भविष्य में चंद्र ग्रहण की ऐसी घटना 8 फरवरी 2669 में देखने को मिलेगी।
खगोलविदों के मुताबिक धरती से चंद्रमा की दूरी ज्यादा होने की वजह से आगामी चंद्र ग्रहण की अवधि लंबी होने वाली है।
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