Delhi Air Pollution: दिल्ली की हवा आज भी है 'जहरीली', अगले आदेश तक स्कूल-कॉलेज बंद, ऑफिस में 50 फीसदी WFH - Web India Live

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Delhi Air Pollution: दिल्ली की हवा आज भी है 'जहरीली', अगले आदेश तक स्कूल-कॉलेज बंद, ऑफिस में 50 फीसदी WFH

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली वायु प्रदूषण ( Delhi Air Pollution ) से लगातार जूझ रही है। दिल्ली-एनसीआर में बुधवार की सुबह भी हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रिकॉर्ड की गई है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च ( SAFAR ) सफर के मुताबिक 17 नवंबर को किए गए अपडेट में बताया है कि दिल्ली में हवा की क्वालिटी पहले की तरह ही काफी खराब है।

सुबह हवा की गुणवत्ता और एक्यूआई गंभी श्रेणी में रिकार्ड AQI 379 की गई है। प्रदूषण को लेकर रोकथाम के क्या उपाय किए गए हैं, इसको लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) में भी सुनवाई होने वाली है।

इस बीच प्रदूषण की गंभीर हालात को देखते हुए आपात बैठक के बाद अगले आदेश तक स्कूल बंद रहने से लेकर 50 फीसदी वर्क फ्रॉम होम तक कई अहम निर्देश जारी किए गए।

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वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने मंगलवार देर रात राजधानी दिल्ली के इलाकों के लिए दिशा-निर्देशों की एक सीरीज में कहा कि दिल्ली NCR एक जहरीले धुंध से जूझ रहा है।

दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को बंद करने का फैसला प्रदूषण को लेकर हुए आपातकालीन बैठक के बाद लिया गया है। इस कमिशन ने अपने निर्देश में कहा है कि कम से कम 50 फीसदी सरकारी अधिकारियों को 21 नवंबर तक वर्क फ्रॉम होम की इजाजत देनी चाहिए। इसके अलावा निजी कार्यालयों में भी इस तरह के इंतजाम किये जाने चाहिए।

21 नवंबर तक ये पाबंदियां
कमिशन ने कहा है कि 21 नवंबर तक दिल्ली में सभी ट्रकों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि, इस दौरान जरूरी सामानों की एंट्री पर पाबंदी नहीं रहेगी। इसके अलावा रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा/डिफेंस को छोड़ कर अन्य सभी तरह की कंस्ट्रक्शन पर भी 21 नवंबर तक रोक लगा दिया गया है।

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1000 बसें किराए पर ले रही सरकार
प्रदूषण के गंभीर हालातों को देखते हुए सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार 1,000 निजी बसें किराए पर ले रही है। इन्हें दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ( DDMA ) से शहर में मेट्रो और बसों में यात्रियों के खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति मांगी है।

वर्तमान में कोविड-19 की रोकथाम के चलते मेट्रो और बसों को अपनी बैठने की 100 फीसदी क्षमता के साथ संचालन की अनुमति है, लेकिन यात्रियों को खड़े होकर यात्रा की अनुमति नहीं है।



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