Jammu Kashmir: श्रीनगर में आत्मघाती हमले की साजिश नाकाम, दो आतंकियों के साथ उनका मददगार भी ढेर
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir ) में आतंकियों की नापाक हरकत थमने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि सुरक्षाबलों के जवान इसका मुंह तोड़ जवाब दे रहे हैं। इस बीच सुरक्षाबलों को श्रीनगर बड़ी कामयाबी मिली है। यहां मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया गया। इतना ही नहीं इस दौरान उनके एक मददगार को भी ढेर कर दिया।
दरअसल ये आतंकी आत्मघाती हमले की साजिश रच रहे थे। ऐसे में सुरक्षाबलों ने इस एनकाउंटर के जरिए आत्मघाती हमले की साजिश को भी नाकाम कर दिया है।
जम्मू-कश्मी के श्रीनगर में एक और एनकाउंटर हुआ है। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने आत्मघाती हमले की साजिश को नाकाम बनाते हुए दो आतंकियों को मार गिराया है।
इस दौरान आतंकियों का एक मददगार आतंकियों की ही गोली की चपेट में आकर मारा गया। मरने वालों में एक त्राल आतंकी समीर अहमद तांत्रे और दूसरा जम्मू संभाग में बनिहाल का रहने वाला आमिर है।
24 घंटे में दूसरी मुठभेड़
दरअसल पिछले 24 घंटों के दौरान श्रीनगर शहर में यह दूसरी मुठभेड़ थी। इससे पहले रविवार शाम को नवाकदल में आतंकी पुलिस दल पर अचानक हमला कर भाग गए। हमले में एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया था।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आत्मघाती हमले को अंजाम देने के लिए आतंकियों के शहर में घुसने की सूचना पर सुरक्षा और सर्च ऑपरेशन तेज किया गया था।
आतंकियों के संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश भी दी जा रही थी। इसी दौरान खबर आई कि आतंकियों का एक दल हैदरपोरा के पास गलवनपोरा में श्रीनगर-बारामुला राजमार्ग पर निजी अस्पताल के पास देखा गया है।
इसी अस्पताल के पास वाहनों का एक शोरूम भी है। पुलिस के विशेष अभियान दल (एसओजी) ने सीआरपीएफ जवानों के साथ मिलकर आतंकी ठिकाने की घेराबंदी शुरूकर दी।
आतंकियों ने जवानों की आत्मसमर्पण की चेतावनी को भी नजरअंदाज करते हुए फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी मारा गया, जबकि मुठभेड़ चलती रही। कुछ घंटों बाद दूसरे आतंकी को भी मार गिराया गया।
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सीमेंट कारोबारी था मददगार
आतंकियों का मददगार अल्ताफ भी इस मुठभेड़ में मारा गया। वो एक सीमेंट कारोबारी था। वह मुठभेड़ के समय आतंकियों के साथ ही था।
आतंकियों ने तथाकथित तौर पर उसे भी बंधक बनाने का प्रयास किया था। कुछ लोगों के मुताबिक, उसने खुद को फंसते देख, आतंकियों का बंधक होने का ड्रामा किया था, लेकिन आतंकियों ने खुद को फंसते देख उसे भी गोली मार दी।
कश्मीर के आइजीपी विजय कुमार ने बताया कि मुठभेड़स्थल से जो डिजिटल सुबूत मिले हैं, उनसे पता चलता है कि अल्ताफ डार आतंकियों का मददगार था।
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