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पेपर लीक केस में अब बच्चों पर भी गिरेगी गाज, ढाई दर्जन को किया गिरफ्तार

भोपाल. एमपी बोर्ड की परीक्षाओं के पेपर लगातार लीक हो रहे हैं। बोर्ड की सख्ती के तमाम दावों के बाद भी माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं परीक्षा का विज्ञान का पेपर भी कई जगहों पर लीक हो गया था। हालांकि शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने स्पष्ट किया है कि ये प्रश्नपत्र वायरल हुए हैं लेकिन कोई पेपर लीक नहीं हुआ है। पेपर वायरल होने के बाद प्रशासन कार्रवाई कर रहा है। बोर्ड परीक्षाओं के पेपर लीक होने के विभिन्न मामलों में अभी तक ढाई दर्जन लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। इधर पेपर लीक केस में अब बच्चों से भी पूछताछ किए जाने की बात सामने आई है।

प्रतिबंधित होने के बाद भी केंद्र में ले गए मोबाइल
भोपाल के विद्यासागर हायर सेकंडरी स्कूल परीक्षा केन्द्र से हुए पेपर लीक मामले में अपडेट सामने आया है। लोक शिक्षण संचालनालय डीपीआइ के आयुक्त अभय वर्मा ने केन्द्राध्यक्ष राजकुमार सक्सेना और सहायक केन्द्राध्यक्ष रेखा गोयल को निलंबित कर दिया। दोनों पर आरोप है कि केंद्र में मोबाइल प्रतिबंधित होने के बाद भी उसे ले जाने दिया। इसका लाभ उठाते हुए पर्यवेक्षक विश्वनाथ सिंह और पवन सिंह ने मोबाइल से फोटो खींचकर परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र छात्राओं को पेपर भेज दिए।

कोचिंग सेंटर के छात्रों पर भी गिरेगी गाज, अब तक नहीं हुई पूछताछ
विद्यासागर स्कूल से पेपर लीक मामले में अब कोचिंग सेंटर के बच्चों पर भी गाज गिर सकती है. भोपाल पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई सख्त कार्रवाई शुरू नहीं की है। बताया जा रहा है कि कोचिंग सेंटर के 400 बच्चों में ने पेपर देखा था। इनसे पूछताछ की जा सकती है। इधर अब परीक्षा पर जिला प्रशासन के निरीक्षण अधिकारियों की भी नजर रहेगी। जिला प्रशासन ने इसके लिए 15 टीमों का गठन किया है। इनमें आदिम जाति कल्याण विभाग, उद्यानिकी विभाग, जिला खनिज अधिकारी सहित अन्य को शामिल किया है।

पेपर लीक मामले में मुरैना जिले में पांच और दमोह में आठ लोगों पर एफआइआर दर्ज की गई है। मुरैना और दमोह जिले के परीक्षा केन्द्रों से भी विज्ञान का पेपर लीक हो गया था। परीक्षा के पहले ही पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हालांकि बोर्ड परीक्षा में सोशल मीडिया पर वायरल हुए पेपर को लेकर मंडल ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि वायरल हुए पेपर का समय इतना नहीं है कि उससे किसी को अतिरिक्त लाभ मिल सके। ऐसे में पेपर को लीक नहीं माना जा सकता है। जनसंपर्क अधिकारी मुकेश विश्वकर्मा ने बताया मंडल ने संबंधितों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कराई है। बताया जा रहा है कि ढाई दर्जन से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। लीक कांड को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि इससे 10वीं12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के प्रदेश के 20 लाख छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है।



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