दुबई, कनाडा सहित देश के कई शहरों से मनोकामना पूर्ति के लिए मंदिरों में जला रहे अखंड ज्योत - Web India Live

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दुबई, कनाडा सहित देश के कई शहरों से मनोकामना पूर्ति के लिए मंदिरों में जला रहे अखंड ज्योत

भोपाल. नवरात्र में साधना और आराधना का विशेष महत्व है, श्रद्धा के अनेक रूप हैं। माता रानी की कृपा और मनोकामना पूर्ति के लिए कई श्रद्धालु नवरात्र में मंदिरों में 9 दिनों तक अखंड ज्योत जलाते हैं। इसमें न सिर्फ शहर बल्कि बाहर से भी अनेक श्रद्धालु ज्योत जलाते हैं। इसमें यूएसए, दुबई, कनाडा के भी श्रद्धालु शामिल है। इसी प्रकार मुंबई, पूणे सहित अन्य शहरों के श्रद्धालु भी ज्योत जलाते हैं। इसके लिए बाहर के श्रद्धालु नवरात्र के दिन ऑनलाइन संकल्प लेते हैं और निश्चित राशि देकर अपने नाम से ज्योत जलाते हैं। शहर के पांच मंदिरों में 700 से अधिक ज्योत 9 दिनों के लिए जलाई जा रही है। 9 दिनों में तकरीबन ढाई हजार लीटर से अधिक तेल और घी से यह ज्योत जल रही है।

180 फीट के शिखर के पास 251 अखंड ज्योत
महालक्ष्मी मंदिर नेहरू नगर में भी 9 दिनों के लिए अखंड ज्योत जलाई गई है। यहां 251 अखंड ज्योत जलाई है, जिसे मंदिर के 180 फीट के शिखर के पास बने कमरे जलाया गया है। इसमें मंदिर से जुड़े दुबई, कनाडा के भक्तों ने भी अपने नाम और गोत्र के आधार पर ज्योत जलाई है। इसमें बेहरीन के बंटी भागचंदानी और कनाडा के गौरव भट्ट ने अखंड ज्योत जलाई है।

सिद्धेश्वरी मंदिर में 150 से अधिक ज्योत
शहर के नेहरू नगर िस्थत सिद्धेश्वरी मंदिर में घी और तेल की अलग-अलग ज्योत मंदिर के कमरे में प्रज्जवलित हो रही है। मंदिर समिति के अजय शर्मा ने बताया कि यहां घी की 82 और तेल की 86 ज्योत जलाई जा रही है। बाहर के कई लोग भी यहां ज्योत जलवाते हैं। यूएसए से भी एक श्रद्धालु ने ज्योत जलाई है। उनके रिश्तेदार ने यहां उनके नाम से ज्योत जलाई है और संकल्प कराया है।

दुर्गाधाम में 201 अखंड ज्योत
शहर के अशोक विहार स्थित दुर्गाधाम मंदिर में 201 श्रद्धालुओं ने मनोकामना पूर्ति के लिए अखंड ज्योत जलाई है। मंदिर समिति के अनिल ठाकुर ने बताया कि इसमें घी और तेल की अलग-अलग ज्योत जलाई गई है। नौ दिनों तक अखंड ज्योत लगातार जलती है, जिसमें सुबह शाम घी तेल डाला जाता है। इसी प्रकार माता मंदिर, वैष्णोधाम में भी अखंड ज्योत जलाई जा रही है।

अलग कमरे में रहती है व्यवस्था
शहर के अधिकांश मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा जलाई जाने वाली अखंड ज्योत की व्यवस्था अलग से कमरे में रहती है। इसके लिए यजमान पहले दिन संकल्प के लिए आते हैं, जो बाहर के श्रद्धालु है, वे अपने रिश्तेदारों के जरिए मोबाइल के जरिए ऑनलाइन संकल्प और दक्षिणा दे देते हैं। अखंड ज्योत में निश्चित समय पर तेल और घी डालने के लिए पुजारी या कर्मचारी की व्यवस्था होती है।



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