पति ने कोर्ट में कहा- मैं बीवी को बाहर नहीं भेजूंगा, अगर कमी आई तो नाइट शिफ्ट भी कर लूंगा
भोपाल। घर चलाने के लिए पत्नी अपना काम शुरू करना चाहती है, लेकिन दिव्यांग पत्नी को तकलीफ न हो इस कारण पति इसके लिए मना करता रहा। इसे लेकर शुरू हुआ विवाद कोर्ट तक पहुंच गया। दोनों दिव्यांग अपनी जिद पर अड़े रहे। हालांकि काउंसलिंग के बाद अब पति ने जिद छोड़ दी है, पत्नी भी घर से ही काम करने को तैयार हो गई। मामले की काउंसलिंग कर रही रितु ने बताया कि दंपति के दो बेटियां हैं। दोनों साथ में खुश हैं, एक-दूसरे को तकलीफ में नहीं देख सकते, इसी कारण अनबन हुई थी। पति दृष्टिहीन है जबकि पत्नी अपाहिज है। शादी को 10 साल हो चुके हैं।
एक-दूसरे को तकलीफ से बचाने के लिए कोर्ट तक पहुंचे थे
बरखेड़ी निवासी पत्नी की शिकायत थी कि पति की नौकरी से घर नहीं चल रहा है। आर्थिक तंगी के कारण तनाव रहता है। दोनों बेटियों को आगे अच्छी पढ़ाई देना चाहते हैं, खर्चे बढ़ रहे हैं। ऐसे में वो भी आर्थिक सहायता करना चाहती है। दूसरों के घरों में क्लीनिंग और कुकिंग का काम करना चाहती है। लेकिन पति इसके लिए मना कर देते हैं। दो साल से हर रोज इसी बात पर बहस होती है। वहीं पति ने कोर्ट में कहा कि मैं घर चलाने में सक्षम हूं। अगर कमी रह रही है तो नाइट शिफ्ट भी कर लूंगा। लेकिन अपनी घर की औरतों को बाहर नहीं भेजूंगा।
मेरी पत्नी अपाहिज है, उसके साथ लोग अच्छा व्यवहार नहीं करेंगे। काउंसलिंग के बाद दोनों एक राय पर सहमत हुए। पति ने अपनी गलती मानते हुए पत्नी को काम करने की इजाजत दी। पत्नी ने कहा कि वो घर से ही अपना टिफिन सर्विस का बिजनेस शुरू करेगी। मामला बीते एक साल से कोर्ट में चल रहा था। इस दौरान चार काउंसलिंग हो चुकी है। लोक अदालत में भी मामला रखा गया था। हालांकि वहां समझौता नहीं हो पाया था।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/0ylsfNZ
via
No comments