पहली बार आंबेडकर जयंती पर MP से रिहा किए गए 43 कैदी- देखें वीडियो - Web India Live

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पहली बार आंबेडकर जयंती पर MP से रिहा किए गए 43 कैदी- देखें वीडियो

भोपाल। डॉ भीम राव आंबेडकर की जयंती पर शुक्रवार को जेल में सजा काट रहे प्रदेश की विभिन्न जेलों से अनेक बंदियों को रिहा किया गया। इसके तहत जहां केंद्रीय जेल भोपाल में आजीवन कारावास से दंण्डित 14 पुरुष बंदी व 2 महिला बंदी और खुली जेल काॅलोनी भोपाल से 02 बंदियों को रिहा किया गया । वहीं इंदौर में 21 कैदियों को अच्छे आचरण के चलते जेल से छोड़ा गया। जबकि वहीं टीकमगढ़ से चार बंदियों को रिहा कर दिया गया है।

शासन के निर्देशन पर पहली बार आंबेडकर जयंती पर कैदियों की सजा में कमी कर उन्हें रिहा किया गया है। आजादी के अमृत महोत्सव से अब आंबेडकर जयंती पर भी सजा में छूट दी जाने लगी है। यह समस्त बंदी विभिन्न मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे।

केंद्रीय जेल भोपाल में आजीवन कारावास की सजा से दंडित बंदियों को मध्यप्रदेश शासन, जेल विभाग के आदेश दिनांक 22.092022 के अंतर्गत सजा छूट प्रदान की गई। आजीवन कारावास से दंडित बदियों में बलात्कार, पाक्सो आदि के प्रकरण में दंडित बदियों को कोई भी माफी प्रदान नहीं की गई है। रिहा किए गए बंदियों को जेल में निरुद्ध रहते हुए टेलरिंग, कारपेन्ट्री. लौहारी, मवन सामग्री निर्माण आदि का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिससे रिहा होने के पश्चात जीवकोपार्जन के साधन अर्जित कर सकें।

इसी के साथ टीकमगढ़ जिला जेल से हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे चार बंदी भूपत, कैलाश, कमलेश एवं भागीरथ को रिहा किया गया है। भूपत, कैलाश और कमलेश सगे भाई है। यह चारों एक ही मामले में जेल में बंद थे। जेल अधीक्षक प्रतीक जैन ने बताया कि शासन द्वारा पूर्व में 15 अगस्त, 26 जनवरी व 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर कैदियों की सजा में छूट दी जाती थी, लेकिन इस बार आजादी के अमृत महोत्सव से सरकार ने अब आंबेडकर जयंती पर भी यह छूट देनी शुरू कर दी है।

उन्होंने बताया कि आजीवन कारावास में कैदी को 20 साल जेल में रहना पड़ता है। इसमें 6 साल शासन द्वारा दी जानी वाली छूट के शामिल रहते हैं। ऐसे में इन चारों कैदियों द्वारा अपनी 14 साल की सजा पूरी कर ली गई थी। वहीं इस प्रावधान के तहत उनके जेल में अच्छे आचरण एवं कार्य व्यवहार को देखते हुए 6 साल की छूट दी गई है।

पौधे देकर किया विदा
टीकमगढ़ जेल अधीक्षक प्रतीक जैन ने इस अवसर पर इन सभी कैदियों को फलदार पौधे देकर विदा किया और आगे शेष जीवन सम्मान एवं मेहनत कर बिताने की बात कही। प्रतीक जैन ने बताया कि यह सभी कैदी जेल में बागवानी का काम करते थे और बहुत अच्छे से खेती के गुर सीख चुके है।

ऐसे में यह सभी आगे खेती किसानी कर अपना जीवन यापन करें और अपराधों से दूर रहे, इसके लिए पौधे देकर विदा किया गया है। उनकी सजा कम करने के आदेश पहले से आ जाने के कारण जेल प्रबंधन ने गुरुवार को ही इनकी रिहाई के लिए तमाम प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। सुबह 9.30 बजे अधिकारियों ने इन लोगों को शासन द्वारा दिए गए प्रमाण-पत्र के साथ रिहा कर दिया।



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