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शिवराज कैबिनेट की बैठक खत्म, कई अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर

मंगलवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शिवराज कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक के दौरान कई अहम निर्णय लिए गए हैं। आपको बता दें कि, अब वन्य प्राणियों से होने वाली जनहानि पर मिलने वाली अनुग्रह राशि को दोगुना कर दिया गया है। यही नहीं, मध्य प्रदेश कलाकार कल्याण कोष नियम-2023 जारी करने की स्वीकृति भी दे दी गई है। इसी के साथ नर्मदा घाटी विकास विभाग को प्राधिकृत करने संबंध में भी स्वीकृति दी गई है। वहीं, दमोह में एमबीबीएस की 100 सीटों वाली नई मेडिकल यूनिवर्सिटी को भी हरी झंडी दे दी गई है।


वन्य प्राणियों से जनहानि पर सहायता राशि दुगनी

शिवराज कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों के संबंध में जानकारी देते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि, कैबिनेट बैठक में वन्य प्राणी द्वारा होने वाली जनहानि पर दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की राशि बढ़ा दी गई है। पहले ये 4 लाख थी, जिसे दोगुना करते हुए 8 लाख रुपए कर दिया गया है।

 

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साहित्यकारों और कलाकारों के लिए फैसला

इसी के साथ 'मध्य प्रदेश कलाकार कल्याण कोष नियम-2023' जारी करने की स्वीकृति दी गई है। सरकार के इस फैसले के बाद अब साहित्यकारों और कलाकारों को मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि की रकम भी बढ़ गई है। यानी अब इन्हें 25 हजार से लेकर 1 लाख तक की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।


नर्मदा घाटी विकास विभाग को प्राधिकृत करने की स्वीकृति

इसके अलावा, नर्मदा घाटी विकास विभाग में 6474 अस्थायी पदों की निरंतरता जारी रखने के लिए नर्मदा घाटी विकास विभाग को प्राधिकृत करने के संबंध में भी स्वीकृति दी गई है।

 

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दमोह में मेडिकल कॉलेज को हरी झंडी

साथ ही, दमोह में एमबीबीएस की 100 सीटों वाले नए चिकित्सा महाविद्यालय को भी कैबिनेट के दौरान हरी झंडी दी गई है। मेडिकल कॉलेज की शुरुआत से मेडिकल विद्यार्थियों के लिए MBBS की 100 सीटों की वृद्धि होगी। साथ ही दमोह एवं समीपस्थ जिलों की जनता को चिकित्सकीय सुविधाओं का एक और उन्नत विकल्प उपलब्ध होगा।


स्टार्ट-अप नीति में संशोधन

स्टार्ट-अप नीति में संशोधन संबंधित स्वीकृति भी दी गई है। नरोतत्म मिश्रा ने कहा कि, मध्यप्रदेश सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के कल्याण और उनकी बेहतरी के लिए संकल्पित भाव से लगातार प्रयास कर रही है। इसी प्रतिबद्धता को विस्तार देते हुए प्रदेश में अब स्टार्ट अप नीति के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के उद्यमियों को भी महिलाओं के समान सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।



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